कलेक्टर की बैठक में राजस्व मामलों की समीक्षा, पेशी पर पेशी पर रोक लगाने के निर्देश

कलेक्टर ने सभी राजस्व अधिकारियों के साथ बैठक कर कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। इस बैठक में कलेक्टर ने कई महत्वपूर्ण राजस्व मामलों पर चर्चा की, जिनमें नामांतरण, अविवादित बंटवारा, विवादित राजस्व प्रकरण, अभिलेख दुरूस्तीकरण, त्रुटि सुधार, भू-अर्जन, सीमांकन और डायवर्सन जैसे मामले शामिल थे। कलेक्टर श्री मिश्रा ने इन मामलों की स्थिति पर गहरी चिंता जताते हुए लंबित प्रकरणों की संख्या को लेकर नाराजगी भी व्यक्त की।
पेशी पर पेशी अब नहीं चलेगी
कलेक्टर ने सीमांकन, बटांकन, नामांतरण जैसे मामलों में पेशी पर पेशी बुलाने की प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए। उनका कहना था कि बार-बार पेशी पर बुलाने से हितग्राहियों को बहुत परेशानी होती है। इससे ना केवल उनका समय और पैसा बर्बाद होता है, बल्कि वे अन्य जरूरी कार्यों को भी पूरा नहीं कर पाते। कलेक्टर ने सभी राजस्व प्रकरणों को निर्धारित समय सीमा में निपटाने के लिए कड़े निर्देश दिए और पेशियों में कमी लाने की बात की।
राजस्व प्रकरणों को ई-कोर्ट में दर्ज करने के निर्देश
बैठक के दौरान कलेक्टर ने यह भी निर्देशित किया कि सभी राजस्व प्रकरणों को अब ई-कोर्ट में दर्ज किया जाए। इसके अलावा, रिकॉर्ड दुरूस्तीकरण और त्रुटि सुधार के लंबित मामलों को लेकर भी चिंता जताई। कलेक्टर ने तहसीलदारों से पटवारियों के माध्यम से इन लंबित मामलों को जल्द निपटाने के लिए अभियान चलाने को कहा।
वरिष्ठ अधिकारियों को निरंतर निरीक्षण के निर्देश
कलेक्टर ने बैठक में मौजूद अपर कलेक्टर और एसडीएम को अपने-अपने क्षेत्र में तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के कार्यालयों का निरंतर निरीक्षण करने के निर्देश दिए। इसके लिए एक निर्धारित रोस्टर तैयार करने का भी आदेश दिया गया। निरीक्षण के दौरान यदि कोई शासकीय कार्य में लापरवाही नजर आती है, तो संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।
सूचना तंत्र को मजबूत करने की अपील
कलेक्टर ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी अधिकारियों को सूचना तंत्र को मजबूत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अपने-अपने क्षेत्र में होने वाली घटनाओं और दुर्घटनाओं की जानकारी समय पर वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को दी जाए।
इस बैठक में पुलिस अधीक्षक आंजनेय वार्ष्णेय, अनुविभागीय राजस्व अधिकारी, तहसीलदार और नायब तहसीलदार भी उपस्थित रहे। कलेक्टर के निर्देशों का उद्देश्य राजस्व मामलों की पारदर्शिता, समयबद्धता और प्रभावी निपटान को सुनिश्चित करना है।
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