लंपी वायरस की चपेट में आया सरगुजा जिला, बीमारी से बचाव को लेकर प्रशासन अलर्ट
जिले में लम्पी स्कीन रोग के आहट से पशुपालन विभाग अलर्ट मोड पर है। कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार ने विशेष संज्ञान लेते हुए इस रोग से मवेशियों के बचाव और उपचार के लिए विभाग को निर्देशित किया है। इसके साथ ही उन्होंने रोग की रोकथाम के लिए पंचायत और पशुपालन विभाग को आपसी समन्वय करते हुए कार्ययोजना पर अमल करने निर्देशित किया है। पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक ने बताया कि लम्पी स्कीन डिसीज एक विषाणु (वायरल) जनित रोग है। जो मुख्यतः मच्छर मक्खी के काटने एवं दूसरे पशु के सम्पर्क में आने से फैलता है। जिले में 4 लाख से अधिक पशुधन है। लम्पी स्कीन रोग से रोकथाम एवं बचाव के उपाय टीकाकरण ही एकमात्र बचाव का तरीका है। इस रोग हेतु गोट पॉक्स टीका लगाया जाता है।
मवेशियों को रोग से बचाने पशुपालकों से अपील : नये जानवरों को अलग रखें और इस रोग से संक्रमित पशु को अलग रख के उसका उपचार करना चाहिए। उचित कीटनाशक का उपयोग कर मच्छर मक्खियों तथा अन्य बाह्य परजीवियों का नियंत्रण करना चाहिए। वर्तमान में जिले में इस रोग से संक्रमित लगभग 15 पशुओं की पहचान की गई है। जिन्हें आइसोलेट कर समुचित उपचार किया जा रहा है। संक्रमित घुमंतु पशुओं को बौरीपारा के अस्थाई शेड में रखा गया है एवं शेष पशुओं को पशुपालकों के घर पर ही आइसोलेट कर उपचार किया जा रहा है।