छत्तीसगढ़

शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने उठाये जाएंगे बड़े कदम

रायपुर, छत्तीसगढ़ । राज्य में तंबाकू एवं तंबाकू उत्पादों पर नियंत्रण के लिए इससे जुड़े कानूनों को कड़ाई से लागू किया जाएगा। सभी शैक्षणिक संस्थाओं को तम्बाकू मुक्त बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। अपर मुख्य सचिव रेणु जी. पिल्लै की अध्यक्षता में मंत्रालय में तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत गठित राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक हुई।

उन्होंने बैठक में तंबाकू नियंत्रण से जुड़े कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए। राज्य शासन द्वारा तम्बाकू एवं तम्बाकू उत्पादों के उपयोग एवं उपभोग को हतोत्साहित करने लगातार कोशिश की जा रही है, फिर भी राज्य में व्यस्कों एवं बच्चों द्वारा तम्बाकू का उपयोग चिंताजनक है।

राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक में स्वास्थ्य विभाग द्वारा तंबाकू के उपयोग पर नियंत्रण के लिए की जा रही गतिविधियों की जानकारी दी गई। राज्य में तम्बाकू पर नियंत्रण में आ रही चुनौतियों को भी साझा किया गया। बैठक में तम्बाकू नियंत्रण के लिए कानूनी प्रावधानों जैसे कोटपा एक्ट-2003, कोटपा छत्तीसगढ़ (संशोधन) अधिनियम-2021 तथा ई-सिगरेट पर प्रतिबंध कानून-2019 का कड़ाई से अनुपालन कराए जाने के निर्देश बैठक में मौजूद विभिन्न विभागों के अधिकारियों को दिए गए।

बैठक में राज्य में शैक्षणिक संस्थाओं को तम्बाकू मुक्त करने, टोबेको मॉनिटरिंग एप, डब्लूएचओ की एफसीटीसी 5.3 की रणनीति, तम्बाकू मुक्त ग्राम पंचायत, तम्बाकू उत्पादों के विज्ञापन पर प्रतिबंध, वेंडर लाइसेंसिंग तथा तम्बाकू मुक्त कार्यालय पर चर्चा की गई। सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रसन्ना आर., स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक भीम सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव मोहम्मद कैसर अब्दुलहक, स्कूल शिक्षा विभाग के विशेष सचिव राजेश सिंह राणा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक भोसकर विलास संदिपान और तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन सहित तंबाकू नियंत्रण के लिए काम करने वाली संस्थाओं ‘द यूनियन’ व ‘पहल’ फाउंडेशन के प्रतिनिधि एवं राज्य शासन के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए ।

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