एक परिवार में तीन पीढ़ियों के 12 सदस्यों ने की नेत्रदान की घोषणा
कुरूद । स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिवर्षानुसार 25 अगस्त से 8 सितंबर तक नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जा रहा है , जिसके तहत जिला अस्पताल धमतरी में प्रतिदिन 20 मरीजों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया जा रहा है । शासकीय सिविल हॉस्पिटल कुरुद में भी शुक्रवार को 36 वां राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा का शुभारंभ बीएमओ डॉ.युएस नवरत्न ने किया था । इस मौके पर उन्होंने समाज में नेत्रदान को बढ़ावा देने का आह्वान करते हुए कहा था कि नेत्रदान को परिवारिक परम्परा बनाने की जरूरत है।
मृत्यु उपरांत भी हमारी आंखे दुनिया देखेगी:
चिकित्सा अधिकारी की अपील से प्रभावित होकर एक ही परिवार की तीन पीढ़ियों के बारह सदस्यों ने नेत्रदान करने का संकल्प लिया है । नेत्रदान करने वाले परिवार के मुखिया एवं प्रदेश साहू समाज के वरिष्ठ पदाधिकारी मालकराम साहू ने बताया कि मरने के बाद भी यदि हमारी आंखें किसी और के जीवन में उजियारा भर दें , मृत्यु उपरांत हमारे नैन इस खुबसूरत संसार का नजारा देखे इससे ज्यादा पुण्य का काम कुछ हो नहीं सकता , यही सोच कर हमारे परिवार के सभी सदस्यों ने नेत्रदान करने का निर्णय लिया है । उन्होंने कहा कि साहू समाज में भी वे नेत्रदान करने के लिए और लोगों को प्रेरित करेंगे।
नेत्र चिकित्सा सहायक अधिकारी ने अपने घर से की शुरुआत:
स्वास्थ्य विभाग कुरुद में पदस्थ नेत्र चिकित्सा सहा अधिकारी क्षितिज साहू ने अपने घर से ही इस अनुकरणीय पहल की शुरुआत करते हुए ग्राम गुदगुदा निवासी 82 वर्षीय दादा सरजू राम साहू , उर्मिला साहू 80 वर्ष दादी , मालक राम साहू 60 वर्ष ( पिता ) , नैन देवी साहू ( माताजी ) , वीरेंद्र साहू ( बड़े भाई ) , यामिनी साहू ( भाभी ) , लक्ष्मीकांत साहू ( भाई ) , भारती साहू ( भाभी ) , पुनाराम , छगन साहू ( चाचा ) क्षितिज साहू ( स्वंय ) ने घोषणा पत्र भरकर नेत्रदान को अपने परिवार की परंपरा बनाने की पहल की ।
पहले दृष्टि फिर सृष्टि का महत्व समझ फैसला लिया:
इस परिवार के सबसे बुजुर्ग सदस्य सरजूराम ने बताया कि बचपन में दिवाली के पटाखे जलाते उनकी एक आंख खराब हो गई थी , एक आंख से जैसे तैसे जीवन का लंबा सफर तय कर समझा कि जिनकी दोनों आंखे ना हो वे कैसे जीवन बसर करते होंगे , पोते और बेटे से सलाह कर पहले दृष्टि फिर सृष्टि का महत्व समझ सपरिवार नेत्रदान महादान करने का फैसला लिया है।खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ.नवरत्न , नेत्र चिकित्सा अधिकारी बीके ग्वालिया ने साहू परिवार की इस पहल का स्वागत करते हुए इसे अनुकरणीय बताया है ।