26 January: गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होंगी नक्सलगढ़ की बेटी सीमा मुचाकी, प्रधानमंत्री आवास में प्रस्तुति देंगी

26 January: गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में आयोजित होने वाली परेड में छत्तीसगढ़ के नक्सलगढ़ क्षेत्र की रहने वाली सीमा मुचाकी शामिल होंगी। सीमा का दिल्ली तक पहुंचना एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि उनका जीवन चुनौतियों से भरा रहा है। नक्सल प्रभावित इलाके से ताल्लुक रखने वाली सीमा का यह सफर प्रेरणादायक है।
नक्सल दहशत से जूझते हुए सीमा का सफर
सीमा मुचाकी का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। वह जिस इलाके से आती हैं, वहां नक्सलियों का खौफ लगातार बरकरार रहता है। सीमा की बड़ी बहन इड़ो पर नक्सलियों के साथ संबंध रखने का आरोप था, और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। इड़ो पर एक लाख रुपये का इनाम भी था। वह दो साल तक जेल में रही और अंत में दोषमुक्त होकर वापस लौटी। सीमा का कहना है कि उनकी बहन का नक्सल संगठन से कोई संबंध नहीं था। पुलिस ने उसे बिना किसी कारण के गिरफ्तार किया था। इड़ो का कहना है कि अब उनकी बहन को दिल्ली जाते हुए देख वे बेहद खुश हैं।
सीमा का संघर्षपूर्ण सफर
सीमा मुचाकी का शिक्षा जीवन भी कठिनाइयों से भरा रहा। वह गाटम आश्रम में रहकर पढ़ाई करती थीं। 2013 में वह जिले के नन्हे परिंदे स्कूल पहुंची और इसी दौरान उनका चयन बारसूर नवोदय विद्यालय के लिए हुआ। हालांकि, दस्तावेजों में कुछ त्रुटियों के कारण वह इस अवसर से वंचित हो गईं। इसके बाद उन्होंने एकलव्य आवासीय विद्यालय, कटेकल्याण में दाखिला लिया और वहां से 12वीं तक की पढ़ाई की।
इसके बाद सीमा ने जिला प्रशासन द्वारा संचालित ‘छू लो आसमां’ योजना के तहत प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की और पीईटी परीक्षा पास की। इसके बाद उन्हें गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज रायपुर में एडमिशन मिला, जहां वह तीन वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीकॉम में बी-टेक कर रही हैं।
सीमा मुचाकी की इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र को गर्व महसूस कराया है। गणतंत्र दिवस परेड में उनका भाग लेना और प्रधानमंत्री आवास में प्रस्तुति देना एक ऐतिहासिक पल होगा, जो उनके संघर्ष और समर्पण का प्रतीक है।
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