छत्तीसगढ़

CG Legislative Assembly Session 2025: जल जीवन मिशन पर हुई तीखी बहस, अजय चंद्राकर ने की जांच की मांग

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र 2025 में जल जीवन मिशन के कार्यों और केंद्र सरकार द्वारा फंड देने में देरी को लेकर जोरदार बहस देखने को मिली। सत्ता और विपक्ष के विधायकों के बीच इस मुद्दे पर तीखी नोंक-झोंक हुई। इस दौरान विधायक अजय चंद्राकर ने नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत की जांच की मांग पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

अजय चंद्राकर का बयान: “नेताजी की मांग को मान लेना चाहिए”

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को संबोधित करते हुए अजय चंद्राकर ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत तीन दिनों से गंभीरता से जांच की मांग कर रहे हैं, और उनकी बात को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। चंद्राकर ने यह भी कहा कि यदि उनकी मांग पूरी होती है तो इससे सदन की हाइट बढ़ेगी। यह बयान चंद्राकर ने जल जीवन मिशन और केंद्र सरकार द्वारा जारी फंड पर बहस के दौरान दिया।

जल जीवन मिशन पर हुई सियासी तकरार

विधानसभा में जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में चल रहे कार्यों को लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने सवाल उठाए। उन्होंने मिशन में गड़बड़ी, लेटलतीफी और विलंब का मुद्दा उठाते हुए केंद्र सरकार द्वारा फंड रोके जाने की बात की। इसी दौरान पूर्व मंत्री और विधायक राजेश मूणत ने भी निशाना साधते हुए कहा कि यह सब पुरानी सरकार के दौर का काम है, जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता भुगत रही है। इसके जवाब में डॉ. महंत ने सीधा चुनौती दी कि यदि ऐसा है तो जांच करवा ली जाए।

सीबीआई जांच की मांग पर अजय चंद्राकर का तीखा जवाब

वहीं, अजय चंद्राकर ने नेता प्रतिपक्ष के बयान के बाद जमकर निशाना साधा। उन्होंने भूपेश बघेल सरकार और उनके कार्यकाल पर हमला करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष की जांच की मांग को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि जांच होती है, तो यह सदन की प्रतिष्ठा को बढ़ाएगी। चंद्राकर के इस बयान के बाद, सदन में राजनीति गरमा गई, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर कोई खास ध्यान नहीं दिया।

सदन में जल जीवन मिशन पर उठे सवाल

जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश में चल रहे कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए विभागीय मंत्री अरुण साव ने बताया कि 2024 तक इस मिशन का काम पूरा होना था, लेकिन अब केंद्र सरकार ने समय सीमा बढ़ाकर 2028 कर दी है। उन्होंने यह भी बताया कि नए बजट में इस मिशन के लिए 67 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। अभी तक 26 हजार करोड़ रुपये का काम हो चुका है, जिसमें 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है।

मंत्री साव ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत 41 हजार पानी टंकी बनाई जा चुकी हैं, जिनमें से 19,599 टंकियों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। इन टंकियों से पानी की आपूर्ति शुरू हो गई है, जबकि 5308 टंकियों का निर्माण पूरा होने के बावजूद पानी की आपूर्ति नहीं हो पाई है।

सीबीआई जांच और ईओडब्ल्यू की जांच में सियासी संघर्ष

रायपुर-विशाखापटनम एक्सप्रेस वे के निर्माण में भू अर्जन में 324 करोड़ रुपये के घपले की सीबीआई जांच की मांग भी विपक्ष ने उठाई थी। नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया था, लेकिन मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू से करवाने की घोषणा कर दी, जिससे विपक्ष का आरोप कमजोर पड़ा।

बहरहाल, विधानसभा में जल जीवन मिशन और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सत्ता और विपक्ष के बीच चल रही यह सियासी तकरार आगामी दिनों में और तेज हो सकती है।

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