रायपुर में अर्बन फॉरेस्ट की जरूरत, यूथ हब चौपाटी हटाकर ग्रीन स्पेस बनाने की अपील

Raipur Urban Forest: समाजसेवी और ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. राकेश गुप्ता ने रायपुर में यूनिवर्सिटी के पास स्थित यूथ हब चौपाटी को हटाकर वहां अर्बन फॉरेस्ट बनाने की मांग की है। उनका कहना है कि जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे के बीच अब शहरों में हर खुली सरकारी जमीन पर अर्बन ग्रीन फॉरेस्ट विकसित करना आवश्यक हो गया है। इससे शहरी तापमान को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और पर्यावरण को बचाया जा सकेगा।
नालंदा लाइब्रेरी की जगह अर्बन फॉरेस्ट बनाने का प्रस्ताव
Nalanda Library: डॉ. गुप्ता ने एक और महत्वपूर्ण सुझाव दिया, जिसमें उन्होंने नालंदा पार्ट-2 लाइब्रेरी के लिए प्रस्तावित दो एकड़ जमीन पर एक विशाल अर्बन फॉरेस्ट बनाने की बात की। उनका मानना है कि यह पहल जलवायु संकट से निपटने के लिए एक प्रभावी समाधान साबित हो सकती है, जिससे आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ और हरा-भरा पर्यावरण मिल सकेगा। उन्होंने यह भी बताया कि रायपुर में कंक्रीट और डामर से बनी सड़कों और इमारतों की वजह से दिनभर गर्मी सोखने वाली प्रक्रियाएं होती हैं, जिससे शहरी तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है।
शहर की खाली सरकारी जमीनों पर ग्रीन स्पेस बनाने की अपील
डॉ. गुप्ता ने रायपुर के विभिन्न हिस्सों में सरकारी जमीनों पर अर्बन फॉरेस्ट विकसित करने की मांग उठाई है। इनमें न्यू शांति नगर की 25 एकड़ सिंचाई विभाग की कॉलोनी, निगम का पुराना मुख्यालय और भैंसथान क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि इस साल की बारिश से पहले इन क्षेत्रों में अर्बन फॉरेस्ट की योजना को शुरू किया जाए, ताकि शहरी पर्यावरण में सुधार हो सके।
प्रदेशभर में अर्बन फॉरेस्ट की आवश्यकता
डॉ. गुप्ता ने छत्तीसगढ़ के सभी शहरों और छोटे गांवों में भी सरकारी भूमि पर अर्बन फॉरेस्ट विकसित करने की अपील की। उनका मानना है कि इससे न सिर्फ शहरी तापमान को नियंत्रित किया जा सकेगा, बल्कि लोगों को शुद्ध और स्वच्छ पर्यावरण भी मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि एयर कंडीशनिंग से निकलने वाली गर्म हवा भी जलवायु संकट को बढ़ावा दे रही है, और इस चुनौती से निपटने का सबसे प्रभावी तरीका है— हरित क्षेत्रों का विस्तार करना।
राजनीतिक नहीं, पर्यावरणीय दृष्टिकोण से है यह मांग
डॉ. गुप्ता ने अपनी इस मांग को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह किसी राजनीतिक उद्देश्य से नहीं, बल्कि पर्यावरण और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को बचाने के लिए है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समय रहते अर्बन फॉरेस्ट की योजना पर काम नहीं किया गया, तो आने वाली पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करेगी।
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