छत्तीसगढ़

अंततः माध्यमिक शिक्षा मण्डल ने माना; बोर्ड परीक्षा से ज्यादा जरूरी है जान की सुरक्षा

कुरुद। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी,धमतरी ज़िला अध्यक्ष दयालुराम साहू एवं महामंत्री शिवनारायण गजेन्द्र ने 10 बोर्ड परीक्षा को स्थगित करने के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अंततः माध्यमिक शिक्षा मण्डल ने माना कि,बोर्ड परीक्षा से ज्यादा जरूरी है जान की सुरक्षा।     

उन्होंने बताया कि फेडरेशन ने विद्यार्थी एवं शिक्षक तथा उनके परिवार को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए बोर्ड परीक्षा को स्थगित करने का मुहीम चलाया था।फेडरेशन ने शासन के समक्ष पक्ष रखा कि 10 वीं बोर्ड परीक्षा में तकरीबन 4 लाख तथा 12 वीं में 2.5 लाख विद्यार्थी समूह में परीक्षा केंद्र में बैठकर परीक्षा देंगे।जोकि कोरोना संक्रमण के महामारी के वर्तमान दौर में प्राणघातक साबित हो सकता है।   फेडरेशन ने विद्यार्थियों, शिक्षकों सहित जनसाधरण के जान के सुरक्षा को प्रथम प्राथमिकता देने का आग्रह सरकार से किया था। फेडरेशन ने मत व्यक्त किया था कि, विद्यार्थियों का भविष्य निःसंदेह महत्वपूर्ण है,लेकिन वो जीवन से बढ़कर नहीं है।क्योंकि,जान है तो जहान है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जनसुरक्षा की भावना को प्रमुखता देकर जनकल्याणकारी निर्णय लिया है।   

उन्होंने बताया कि उत्तरपुस्तिकाओं का वितरण तो शिक्षा मण्डल ने शिक्षकों के जमावड़ा के बीच कर दिया है। जोकि सावधानी के दृष्टिगत नहीं करना था। कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है।अधिकांश शिक्षक अथवा उनके परिवार के सदस्य कोरोना ग्रसित हो गए हैं। ऐसे स्थिति में प्रश्नपत्रों के वितरण करने के हड़बड़ी में गलती की पुनरावृत्ति नहीं करना ही उचित होगा। शिक्षकों के जान की सुरक्षा  को ध्यान में रखते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि,प्रश्नपत्रों को जिला के समन्वय केंद्र में स्ट्रांग रूम स्थापित कर, 1-4 के पुलिस सुरक्षा में फिलहाल सुरक्षित रखा जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि, विगत वर्षों में मूल्यांकन के लिए बोर्ड के उत्तरपुस्तिकाओं को इसी तरह रखा जाते रहा है। फेडरेशन ने लोकहित के मुद्दे पर सहयोग के लिए प्रिंट मीडिया एवं सहयोगी साथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया है।

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