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ईश्वर तक पहुंचना है तो कीर्ति, कंचन जैसी रुकावट को पार करना होगा

धमतरी। श्री प्रेमप्रकाश आश्रम में टेऊंराम महाराज का चालीहा महोत्सव जारी है। महोत्सव के 28वे दिन 2 गुरुभक्तों ने चालीसा पाठ सत्संग आयोजन कराया। संत लोकेश ने आचार्य द्वारा रचित भजन “धीरे-धीरे पग धार रेतुम गिर ना जाओ” को गाया। उन्होंने बताया कि इस भजन में गुरु बाबा अपने अनुभव को साझा करते हुए हमें उपदेश दे रहे हैं कि हम कैसे हरि की ओर जाने वाले कठिन मार्ग पर चलकर हरि को प्राप्त कर सकते हैं। इस मार्ग में धीरे-धीरे थैर्यपूर्वक संभलकर मजबूती के साथ एक-एक कदम को रखते हुए आगे बढ़ना है, क्योंकि यह मार्ग बहुत कठिन है इस मार्ग में अनेक विघ्न भरे हैं, जिसके कारण गिरने का खतरा है। इस मार्ग में 3 बड़ी रुकावटें हैं। कीर्ति, कंचन और नारी। कीर्ति यानि यश व प्रशंसा, कंचन यानि सोना, चांदी व धन व नारी यानि स्त्री, इन तीनों से बचकर चलना होगा। तभी ईश्वर की प्राप्ति होगी और मंजिल तक पहुंच सकंगे।

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