कलाकारों ने सावन के गीतों पर प्रस्तुतियां दी
संत श्री गजानन मन्दिर हुडको में संगीत सभा का आयोजन
संगीत सभा की शुरुआत
भिलाई में भारती संगीत विधा की पहली संगीत सभा का आयोजन संत श्री गजानन मन्दिर हुडको में किया गया। इस कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती एवं नटराज की प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर की गई। इसके बाद कार्यक्रम में शामिल हुए कला साधकों का परिचय दिया गया।
कला साधकों का परिचय
कार्यक्रम में भाग लेने वाले कलाकारों का परिचय बड़ी गरिमा के साथ दिया गया। इसमें कई प्रसिद्ध संगीतकार और गायक शामिल थे, जिन्होंने अपने-अपने तरीके से सावन के गीतों को प्रस्तुत किया।
कलाकारों की सूची:
- पंडित रमेश जोशी
- संगीता शर्मा
- अजय वर्मा
- रेखा सिंह
- सुनीता राव
सावन के गीतों की विशेषता
सावन के गीतों में भारतीय संस्कृति और परंपरा की झलक मिलती है। इन गीतों में प्रकृति का सौंदर्य, बारिश की फुहारें, और प्रेम की भावनाएं प्रमुख रूप से व्यक्त होती हैं।
सावन के गीतों का महत्व
सावन के गीत भारतीय समाज में विशेष महत्व रखते हैं। ये गीत न केवल मन को मोह लेते हैं, बल्कि हमारे दिलों में एक खास जगह भी बनाते हैं। सावन का महीना और इसके गीत हमारे जीवन को रंगीन और जीवंत बना देते हैं।
सावन के प्रमुख गीत:
- “सावन का महीना”
- “बरसात की रात”
- “मेघा रे मेघा”
कलाकारों की प्रस्तुतियां
पंडित रमेश जोशी की प्रस्तुति
पंडित रमेश जोशी ने “सावन का महीना” गीत पर अपनी मधुर आवाज में प्रस्तुति दी। उनकी आवाज में ऐसा जादू था कि सभी श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए।
संगीता शर्मा का गायन
संगीता शर्मा ने “बरसात की रात” गीत पर अपनी सुरमयी आवाज में प्रस्तुति दी। उनकी गायकी ने सभी का दिल जीत लिया।
अजय वर्मा का नृत्य
अजय वर्मा ने “मेघा रे मेघा” गीत पर अपनी नृत्यकला का प्रदर्शन किया। उनके नृत्य ने सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया।
रेखा सिंह और सुनीता राव की युगल प्रस्तुति
रेखा सिंह और सुनीता राव ने “झूला झूलो रे” गीत पर युगल गायन किया। उनकी युगल प्रस्तुति ने कार्यक्रम को और भी रंगीन बना दिया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम का समापन
प्रतिभागियों का सम्मान
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों का सम्मान किया गया। उन्हें स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र भेंट किए गए।
आयोजन समिति की भूमिका
संगीत सभा का आयोजन संत श्री गजानन मन्दिर हुडको की आयोजन समिति ने किया। समिति के सभी सदस्यों ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
समिति के सदस्य:
- डॉ. राम कुमार
- श्रीमती कविता चौधरी
- श्री राजेश कुमार
भविष्य की योजनाएं
आयोजन समिति ने बताया कि वे भविष्य में भी इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से हमारी संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा मिलता है।
निष्कर्ष
संत श्री गजानन मन्दिर हुडको में आयोजित इस संगीत सभा ने सभी का दिल जीत लिया। कलाकारों की प्रस्तुतियों ने सावन के गीतों को एक नया आयाम दिया। इस तरह के कार्यक्रमों से हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और बढ़ावा मिलता है।