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छत्तीसगढ़: मछली पालन से सालाना ₹5.5 लाख कमा रहे जयराम कश्यप, जानें राज्य सरकार की योजनाएं

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के ग्राम मैलावाड़ा के प्रगतिशील कृषक जयराम कश्यप ने मछली पालन के माध्यम से अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है। पारंपरिक खेती से सीमित आय प्राप्त करने वाले जयराम ने 2017 में अपनी पुश्तैनी भूमि पर तालाब बनाकर मत्स्य पालन की शुरुआत की।

मत्स्य पालन की शुरुआत और विकास

  • तालाब निर्माण: अपनी 1.25 एकड़ भूमि पर तालाब बनाया।
  • पौंड-लाइनर का उपयोग: 2023-24 में 25 डिसमिल भूमि में पौंड-लाइनर स्थापित किया।
  • मछलियों की नस्लें: रोहू, कतला, मृगल और कॉमन कॉर्प जैसी उन्नत नस्लों का पालन किया।
  • सघन तकनीक का उपयोग: तालाबों में ऑक्सीजन की सतत आपूर्ति और वैज्ञानिक तरीकों से मछलियों की देखभाल।

आर्थिक सफलता

  • सालाना आय: मछली पालन से ₹5.5 लाख का मुनाफा।
  • स्थानीय बाजार में मांग: मछलियां आसानी से बिक जाती हैं।
  • परिवार का सहयोग: उनके पुत्र भी इस व्यवसाय में साथ दे रहे हैं।

राज्य सरकार से लाभ

छत्तीसगढ़ सरकार मछुआरों और मत्स्य पालकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है:

  1. अनुदान सुविधाएं:
    • तालाब निर्माण, उपकरण, और बीजों पर अनुदान।
    • अनुसूचित जनजाति वर्ग और महिलाओं को 60% तक अनुदान।
  2. मार्गदर्शन: मत्स्य विभाग के सहयोग से तकनीकी जानकारी।
  3. आय के अन्य स्रोत: जयराम ने तालाब के पास कुक्कुट शेड बनाकर आय बढ़ाने की योजना बनाई।

प्रेरणा का स्रोत बने जयराम

जयराम कश्यप की सफलता अन्य किसानों को मछली पालन के प्रति प्रेरित कर रही है। उनकी मेहनत और राज्य सरकार की योजनाओं के कारण दंतेवाड़ा में मत्स्य पालन एक आकर्षक और स्थायी व्यवसाय बन गया है।

छत्तीसगढ़ में मछली पालन: आर्थिक सशक्तिकरण की ओर एक कदम।

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