
जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के पत्रकार मुकेश चंद्राकर के भाई युकेश चंद्राकर एक ट्रक के ठोकर से बाल-बाल बच गए। घटना तब हुई जब युकेश अपनी कार से वकील से मिलने के लिए जगदलपुर जा रहे थे और बीजापुर से अपने भाई मुकेश की कार लेकर यात्रा कर रहे थे। रास्ते में एक ट्रक ने उनकी कार को ठोकर मार दी और उसके बाद ट्रक उन्हें घसीटते हुए चलता रहा। युकेश ने कहा, “क्या मुझे या मेरे परिवार को कोई ख़तरा है?” उन्होंने बताया कि वह अपनी पत्नी और पत्रकार साथी सतीश अल्लूर के साथ कार में थे और फिलहाल सुरक्षित हैं।
घटना के बाद ट्रक चालक ने जब रोकने के लिए कहा तो वह रुके बिना भाग गया। यह मामला तब और भी संवेदनशील हो गया, जब इस घटना को मुकेश चंद्राकर के हत्या मामले से जोड़ा गया।
मुकेश चंद्राकर की हत्या में साजिश का खुलासा
मुकेश चंद्राकर की हत्या का मामला एक जनवरी को सामने आया था जब वह लापता हो गए थे। 3 जनवरी को उनका शव बीजापुर के चट्टनपारा बस्ती स्थित सुरेश चंद्राकर की संपत्ति के सेप्टिक टैंक से मिला था। पुलिस जांच में सामने आया कि मुकेश चंद्राकर की हत्या उनके ही रिश्तेदार सुरेश चंद्राकर ने की थी।
पुलिस ने बताया कि सुरेश चंद्राकर का सड़क निर्माण कार्य के खिलाफ मुकेश ने खबर प्रकाशित की थी, जिससे अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए थे। खबर से नाराज होकर सुरेश ने अपने भाइयों और साथियों के साथ मिलकर मुकेश की हत्या की साजिश रची। हत्या से पहले सुरेश, रितेश और महेंद्र ने मुकेश पर लोहे की रॉड से हमला किया और उसे गंभीर चोटें पहुंचाईं। इसके बाद उन्होंने उसका शव सेप्टिक टैंक में फेंक दिया और कंक्रीट की दीवार से उसे ढक दिया।
एसआईटी की जांच में अब तक सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि रितेश चंद्राकर और दिनेश चंद्राकर पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। महेंद्र रामटेके, जो साइट सुपरवाइजर था, को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस मामले की गहरी जांच कर रही है और आरोपियों से विस्तृत पूछताछ की जा रही है।
यह घटना पत्रकारिता की स्वतंत्रता और समाज में सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है, और इस हत्या में शामिल सभी आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की जा रही है।