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सदी के सबसे बड़े कोरोना टीकाकरण की भारत में शुरुआत, देश को संबोधित करते हुए भावुक हुए PM मोदी

देश में आज 16 जनवरी से दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कोरोना वैक्सीनेशन अभियान शुरू हो गया है। एम्स में वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत हुई। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की मौजूदगी में यहाँ पहली वैक्सीन लगाई गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह 10:30 बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से टीकाकरण अभियान की शुरुआत की।  कोरोना वैक्सीन के महाभियान की शुरुआत के अपने संबोधन में पीएम मोदी भावुक हो गए। उन्होंने उन लोगों को याद किया जिनकी इस महामारी की वजह से जान चली गई। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना काल के उस वक्त को याद करके सिहरन होती है, दुख होता है।

बेहद कम समय में भारत ने बनाई दो कोरोना वैक्सीन

पीएम मोदी ने देश के वैज्ञानिकों को बधाई दी और कहा कि ये दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू हो रहा है। बेहद कम समय में दो कोरोना वैक्सीन तैयार हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों डोज लगवाना जरूरी है और टीका लगवाते ही आप ऐसा कभी न करें कि कोरोना के एहतियाती उपायों को भूल जाएं। मास्क, दो गज की दूरी इन सभी बातों का पालन करना अभी भी जरूरी है। 

पीएम मोदी ने कहा कि जैसा धैर्य देश के लोगों ने कोरोना के खिलाफ जंग में दिखाया, वैसा ही धैर्य अभी वैक्सीनेशन के समय भी दिखाना होगा।  दूसरे चरण में 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगवाने का लक्ष्य है। 

भारत ने किए सही फैसले

प्रधानमंत्री ने कहा कि 17 जनवरी, 2020 वो तारीख थी, जब भारत ने अपनी पहली एडवायजरी जारी कर दी थी।  भारत दुनिया के उन पहले देशों में से था जिसने अपने एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी। भारत ने 24 घंटे सतर्क रहते हुए, हर घटनाक्रम पर नजर रखते हुए, सही समय पर सही फैसले लिए।

30 जनवरी को भारत में कोरोना का पहला मामला मिला, लेकिन इसके दो सप्ताह से भी पहले भारत एक हाई लेवल कमेटी बना चुका था। हम दूसरों के काम आएं, ये निःस्वार्थ भाव हमारे भीतर रहना चाहिए। कोरोना कर्फ्यू ने देश के लोगों को तैयार किया। लॉकडाउन के जरिए कोरोना को फैलने से रोका गया। भारत की इच्छाशक्ति और साहस प्रेरणा बनी। सफाई कर्मचारियों ने अपना जीवन दांव पर लगा दिया। 

भारत की वैक्सीन देश के मौसम के अनुकूल

पीएम मोदी ने वैक्सीनेशन प्रोग्राम को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि भारत की वैक्सीन देश के मौसम के अनुकूल है। पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय वैक्सीन दुनिया की बाकी वैक्सीन के मुकाबले काफी सस्ती है। भारतीय वैक्सीन का स्टोरेज बेहद आसान है। देश में आज 2300 से ज्यादा वैक्सीनेशन लैब हैं।

इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्र सिर्फ मिट्टी, पानी, कंकड़, पत्थर से नहीं बनता, बल्कि राष्ट्र का मतलब होता है हमारे लोग। संकट कितना भी बड़ा क्यों न हो, देशवासियों ने कभी आत्मविश्वास खोया नहीं।  जब भारत में कोरोना पहुंचा तब देश में कोरोना टेस्टिंग की एक ही लैब थी, हमने अपने सामर्थ्य पर विश्वास रखा और आज 2,300 से ज्यादा नेटवर्क हमारे पास है।

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक जीत दिलाएगी वैक्सीन

भारत की वैक्सीन ऐसी तकनीक पर बनाई गई है जो भारत में ट्राइड और टेस्टेड है।  ये वैक्सीन स्टोरेज से लेकर ट्रांसपोर्टेशन तक भारतीय स्थितियों और परिस्थितियों के अनुकूल हैं।  यही वैक्सीन भारत को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक जीत दिलाएगी। पीएम मोदी ने कहा कि भारत के वैक्सीन वैज्ञानिक, हमारा मेडिकल सिस्टम, भारत की प्रक्रिया की पूरे विश्व में बहुत विश्वसनीयता है।  हमने ये विश्वास अपने ट्रैक रिकॉर्ड से हासिल किया है। इतिहास में इस प्रकार का और इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया है।

भारत वैक्सीनेशन के अपने पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है। मैं ये बात फिर याद दिलाना चाहता हूं कि कोरोना वैक्सीन की 2 डोज लगनी बहुत जरूरी है। पहली और दूसरी डोज के बीच, लगभग एक महीने का अंतराल भी रखा जाएगा। दूसरी डोज लगने के 2 हफ्ते बाद ही आपके शरीर में कोरोना के विरुद्ध जरूरी शक्ति विकसित हो पाएगी। दूसरे चरण में हमें इसको 30 करोड़ की संख्या तक ले जाना है।  जो बुजुर्ग हैं, जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें इस चरण में टीका लगेगा। आप कल्पना कर सकते हैं, 30 करोड़ की आबादी से ऊपर के दुनिया के सिर्फ तीन ही देश हैं, भारत, चीन और अमेरिका. 

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