
कुरुद। Kurud Janpad Panchayat Adhyaksh Chunav: छत्तीसगढ़ के जनपद पंचायत कुरुद में जनपद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का चुनाव होने जा रहा है, जिसमें भाजपा के पास 25 में से 22 सदस्य होने के कारण बहुमत है। वहीं, कांग्रेस भी अपने प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। यह चुनाव 6 मार्च को सुबह 11 बजे से शुरू होगा, जिसमें पहले अध्यक्ष पद के लिए वोट डाले जाएंगे, फिर उपाध्यक्ष पद के लिए मतदान होगा।
चुनाव प्रक्रिया और तैयारी
जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए एसडीएम नभ सिंह कोसले को पीठासीन अधिकारी और तहसीलदार दुर्गा साहू को सहायक पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया है। अध्यक्ष पद महिला वर्ग के लिए आरक्षित है, और इस पद के लिए ओबीसी वर्ग से उम्मीदवार बनने की संभावना जताई जा रही है। वहीं, उपाध्यक्ष पद के लिए किसी भी संवर्ग से उम्मीदवार को नामित किया जा सकता है।
भाजपा का मजबूत पक्ष और क्षेत्रीय संतुलन
भाजपा के पास 22 सदस्य होने के कारण अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों पदों पर पार्टी का कब्जा तय माना जा रहा है, हालांकि इन दोनों पदों के लिए प्रमुख नामों की चर्चा जारी है। जिन दो प्रमुख नामों की चर्चा हो रही है, वह दोनों भखारा मंडल से आ रहे हैं।
अध्यक्ष पद के लिए सिंधु बैस का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है, जो क्षेत्र क्रमांक 6 से निर्वाचित हैं और पहले भी जनपद अध्यक्ष रह चुकी हैं। उनके अनुभव और वरिष्ठता को देखते हुए उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। वहीं, गीतेश्वरी साहू का नाम भी चर्चा में है, जो भाजपा भखारा मंडल से महिला मोर्चा की अध्यक्ष हैं और कुरुद विधानसभा क्षेत्र में साहू समाज के प्रभाव को देखते हुए उनकी उम्मीदवारी भी महत्वपूर्ण हो सकती है।
उपाध्यक्ष पद के लिए दावेदार
उपाध्यक्ष पद के लिए भी भखारा मंडल से दो प्रमुख नाम सामने आ रहे हैं: सतीश जैन और आनंद यदु। सतीश जैन पहले भी जनपद सदस्य और सभापति रह चुके हैं, जबकि आनंद यदु भाजपा मंडल अध्यक्ष के पद पर कार्य कर चुके हैं। दोनों के नाम पर पार्टी में चर्चा हो रही है, और दोनों में से कोई एक उपाध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार बन सकता है।
कांग्रेस का दावेदार
कांग्रेस भी इस चुनाव में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए अपने उम्मीदवार को उतारने की तैयारी कर रही है। क्षेत्र क्रमांक 19 से निर्वाचित सदस्य लिली श्रीवास ने अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल करने का ऐलान किया है। वे युवाओं के बीच लोकप्रिय हैं और हाल ही में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुई थीं। हालांकि, कांग्रेस के पास बहुमत का अभाव है, फिर भी उन्होंने भाजपा को वॉकओवर न देने का फैसला किया है।
यह चुनाव न केवल जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पदों पर कब्जे के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भाजपा और कांग्रेस के बीच क्षेत्रीय संतुलन और ताकत की बयानी का भी प्रतीक बन सकता है। अब यह देखना होगा कि क्या भाजपा बिना किसी विरोध के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनती है या फिर कांग्रेस अपने उम्मीदवार के साथ मुकाबला करती है।