धमतरी में महिला ने एक साथ दिए 4 बच्चों को जन्म, परिवार में खुशी का माहौल, तीन लड़कियां और एक लड़का, जानिए पूरा मामला

छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में एक महिला ने एक साथ चार बच्चों को जन्म देकर एक दुर्लभ घटना को अंजाम दिया है। यह मामला जिले में पहला बार सामने आया है, जब किसी महिला ने एक साथ चार स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया। 15 मार्च 2025 को, नगरी ब्लॉक की 30 वर्षीय महिला ने निर्धारित समय से पहले यानी सात महीने में ही डिलीवरी की। अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि महिला और सभी चार नवजात शिशु स्वस्थ हैं।
चार बच्चों के जन्म का मामला
धमतरी जिले के उपाध्याय नर्सिंग होम में हुई इस डिलीवरी में, महिला ने तीन लड़कियों और एक लड़के को जन्म दिया। नवजात शिशुओं का वजन क्रमशः 1 किलो 500 ग्राम, 1 किलो 300 ग्राम, 1 किलो 100 ग्राम और 900 ग्राम था। इन शिशुओं का इलाज अस्पताल के स्पेशल न्यूबोर्न केयर यूनिट (SNCU) में सी-पैप मशीन की मदद से किया जा रहा है, ताकि उनकी सेहत पर कोई असर न पड़े। अस्पताल में डॉक्टरों और नर्सों की टीम लगातार बच्चों की देखभाल कर रही है।
सभी बच्चे और मां स्वस्थ
डॉक्टरों ने बताया कि बच्चों का जन्म 7 महीने में होने के बावजूद, उनकी स्थिति पूरी तरह से स्थिर है। डॉक्टर आशीष अग्रवाल ने कहा कि जन्म के तुरंत बाद सभी बच्चों का स्वास्थ्य मूल्यांकन किया गया और वे अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं। यह भी बताया गया कि महिला की हालत भी ठीक है और वह जल्द ही अस्पताल से डिस्चार्ज हो सकती हैं।
मेडिकल इंटरवेंशन या मल्टीपल प्रेगनेंसी का कारण
एक साथ चार बच्चों का जन्म प्राकृतिक रूप से एक दुर्लभ घटना होती है और आमतौर पर यह मेडिकल इंटरवेंशन, जैसे कि इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) या अन्य कारणों से हो सकता है। यह प्रेगनेंसी भी एक मल्टीपल प्रेगनेंसी का हिस्सा हो सकती है, जिसमें कई बच्चे एक साथ गर्भ में विकसित होते हैं।
पिछले साल भी हुआ था ऐसा एक और मामला
इससे पहले, 2024 में छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में भी एक महिला ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया था। हालांकि, यह पहला मामला था, जब धमतरी जिले में इस प्रकार की घटना हुई है। यह घटना महिलाओं और परिवारों के लिए एक सकारात्मक संदेश देती है कि मेडिकल देखभाल और डॉक्टरों की मदद से ऐसी चुनौतियों को भी आसानी से पार किया जा सकता है।
इस घटना ने इस इलाके में खुशी की लहर दौड़ा दी है और महिला के परिवार के सदस्य गर्व महसूस कर रहे हैं। अब यह देखना होगा कि अन्य जगहों पर भी ऐसे मेडिकल मामलों का इलाज और देखभाल कैसे की जाती है, जिससे नवजात शिशुओं की सेहत पर कोई असर न पड़े।
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