छत्तीसगढ़

सुशासन तिहार के दौरान लापरवाही पर कार्रवाई, SDM और CMO सस्पेंड

गरियाबंद: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में सुशासन तिहार 2025 के पहले चरण के दौरान लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की गई है। जिला कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल ने सोमवार को जिला कार्यालय में अधिकारियों की बैठक ली और सुशासन तिहार के अंतर्गत मिले जन आवेदनों के त्वरित और पारदर्शी समाधान पर जोर दिया। कलेक्टर ने दो टूक कहा, “काम में लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

हर आवेदन की होगी ऑनलाइन एंट्री और सख्त मॉनिटरिंग

बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जन आवेदनों की ऑनलाइन एंट्री अनिवार्य रूप से की जाए और उन्हें तुरंत संबंधित विभागों को भेजा जाए। आवेदन के निराकरण और ट्रैकिंग के लिए जिम्मेदार अफसरों की ड्यूटी फिक्स करने को भी कहा गया। साथ ही पावती लेते हुए हर मामले की मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए।

अनुपस्थित अफसरों पर गिरी गाज, सस्पेंशन और नोटिस

कलेक्टर के क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान फिंगेश्वर CMO चंदन मानकर को मुख्यालय से गायब पाया गया, जिसके चलते उनके निलंबन की सिफारिश कर दी गई है। वहीं, समीक्षा बैठक में बिना सूचना के अनुपस्थित रहने वाले अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।

नोटिस पाने वाले अधिकारियों में शामिल हैं:

  • एसडीएम: विशाल महाराणा (राजिम), पंकज डाहिरे (मैनपुर), तुलसीदास मरकाम (देवभोग)
  • सीईओ/सीएमओ: श्वेता शर्मा (मैनपुर), रवि सोनवानी (देवभोग), मनीष गायकवाड़ (राजिम), श्यामलाल वर्मा (कोपरा), लालसिंग मरकाम (छुरा), संतोष स्वर्णकार (देवभोग)

अन्य विभागों को भी मिली चेतावनी

लापरवाही केवल प्रशासनिक अफसरों तक सीमित नहीं रही। कई विभागों के जिला अधिकारियों को भी कार्य निष्पादन में शिथिलता को लेकर नोटिस देने के निर्देश दिए गए हैं। इनमें महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, कृषि, जल संसाधन, बिजली, उद्यानिकी, रेशम, खनि, क्रेडा, खादी, रोजगार और बैंकिंग से जुड़े अधिकारी शामिल हैं।

जिन अधिकारियों को चेतावनी दी गई है:

  • महिला एवं बाल विकास – अशोक पाण्डेय
  • शिक्षा – ए.के. सारस्वत
  • कृषि – चंदन रॉय
  • जल संसाधन – एस.के. बर्मन

सुशासन तिहार में अब तक 1.45 लाख से अधिक आवेदन

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर आयोजित सुशासन तिहार 2025 के पहले चरण (8 से 11 अप्रैल) में जिले में 1,45,984 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इन आवेदनों को 20 दिनों के भीतर निपटाना अनिवार्य है। यह अभियान ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में चलाया जा रहा है।

शासन की जवाबदेही तय करने की कोशिश

इस पूरी कवायद को शासन की जवाबदेही सुनिश्चित करने और प्रशासनिक कार्यशैली में पारदर्शिता लाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। बैठक में जिला पंचायत CEO जी.आर. मरकाम, अपर कलेक्टर नवीन भगत, और प्रकाश राजपूत सहित कई अधिकारी मौजूद थे।

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