अजय चंद्राकर: दोधारी तलवार की तरह
संसदीय ज्ञान और प्रशासनिक क्षमता का परिचायक
पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर, अपने संसदीय ज्ञान और प्रशासनिक क्षमता के चलते, दोधारी तलवार की तरह माने जाते हैं। विधानसभा सत्र के दौरान जब वे बोलने खड़े होते हैं, तो एक तरफ कांग्रेस की जमकर आलोचना करते हैं, वहीं दूसरी तरफ अपनी पार्टी के मंत्रियों को भी नहीं छोड़ते।
निष्पक्ष जांच की मांग
पिछले दिनों चर्चा के दौरान अजय चंद्राकर ने सिलसिलेवार बताया कि मंत्रियों ने कितनी जांच की घोषणा की है और अब तक निष्कर्ष नहीं निकला है। उन्होंने कहा कि अगर निष्पक्ष जांच रिपोर्ट आ गई तो आधे कांग्रेसी जेल में रहेंगे। उनके साथ लता उसेंड़ी, धरमलाल कौशिक और राजेश मूणत ने भी ऐसे कई सवाल उठाकर अपनी ही सरकार के मंत्रियों को नसीहत दी।
विधानसभा कार्यवाही में सक्रियता
विधानसभा की कार्यवाही ऑनलाइन होने के बाद प्रश्नों की बौछार लग गई थी, जिसमें ज्यादातर सत्तारूढ़ दल के विधायक ही थे। इन विधायकों की सक्रियता चर्चा में रही।
नौकर बने न मालिक
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक भूपेश बघेल ने विधानसभा सत्र में चर्चा के दौरान यह प्रसंग सुनाया कि एक सीनियर आईएएस ने उन्हें बताया था कि जिस तरह सर्वोच्च परीक्षा (यूपीएससी) पास करने के बाद भी आईएएस न नौकर बन पाते न ही मालिक, उसी तरह अजय चंद्राकर भी हैं। वे मंत्री बनने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन मंत्री बन नहीं पा रहे हैं। विधायक हैं लेकिन विधायक अपने आप को मान नहीं रहे हैं।
डॉ. रमन सिंह की नई भूमिका
तीन बार के मुख्यमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता डॉ. रमन सिंह को विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से कई प्रकार के राजनीतिक सवाल उठ रहे थे। विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान जिस प्रकार से कार्यवाही चली है, सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों पार्टी के प्रमुख नेता अपनी पीठ थपथपा रहे हैं।
संतुलन स्थापित करने की कला
डॉ. रमन सिंह ने राजनीतिक संतुलन स्थापित करने में माहिरता दिखाई है। उन्होंने एक तरफ मंत्रियों को विधानसभा की कार्यवाही के दौरान सीख के साथ दिशा-निर्देश भी दिए, जिससे सत्तारूढ़ दल के नए नवेले मंत्री भी बच निकले। कई महत्वपूर्ण बिजनेस लाकर घंटों चर्चा कराने से सरकार के काम में गति आ गई।
मानसून सत्र की उपलब्धियां
विधानसभा की अध्यक्ष की नई भूमिका में डॉ. रमन सिंह एक बार फिर निखरकर सामने आ गए हैं। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, भूपेश बघेल और दीपक बैज ने बकायदा पत्रकारवार्ता लेकर कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान जनता के मुद्दे उठाकर हमने सत्र का सही उपयोग किया है। यानि विपक्ष को भी कार्यवाही का पूरा लाभ मिला है।