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बेंगलुरु मेट्रो: भारत की पहली स्वदेशी ड्राइवरलेस ट्रेन का हुआ स्वागत

भारत के मेट्रो रेल विकास में एक ऐतिहासिक कदम के रूप में, बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BMRCL) ने सोमवार को येलो लाइन के लिए पूरी तरह से ‘मेड-इन-इंडिया’ ड्राइवरलेस ट्रेनसेट का स्वागत किया। यह ट्रेन टिटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड द्वारा पश्चिम बंगाल के उत्तरपारा स्थित उनके उत्पादन संयंत्र में निर्मित है।

स्वदेशी तकनीक का अद्भुत नमूना

स्टेनलेस स्टील से बनी यह ट्रेन उन्नत स्वचालन और अत्याधुनिक प्रदर्शन सुविधाओं से सुसज्जित है। यह 18 किमी लंबी येलो लाइन पर संचालित होगी, जो इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी को बेंगलुरु के अन्य हिस्सों से जोड़ेगी।

केंद्रीय मंत्री का बयान

केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री, मनोहर लाल, ने एक वर्चुअल कार्यक्रम में इस उपलब्धि की सराहना की। उन्होंने कहा, “यह मील का पत्थर भारत की मेट्रो रेल प्रौद्योगिकी में प्रगति को दर्शाता है। 1,000 से अधिक परिचालन किलोमीटर के साथ, हम वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर हैं और पांच वर्षों में संयुक्त राज्य अमेरिका को पीछे छोड़ने की राह पर हैं।”

‘मेड-इन-इंडिया’ का प्रभाव

टिटागढ़ रेल सिस्टम्स के प्रबंध निदेशक उमेश चौधरी ने ट्रेनसेट के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “यह पहली स्टेनलेस स्टील मेट्रो ट्रेन है, जो पूरी तरह से भारत में निर्मित है और बेंगलुरु मेट्रो की येलो लाइन के लिए बनाई गई है। यह हमारी स्वदेशी क्षमताओं का परिचय है और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है।”

उत्पादन में तेजी

टिटागढ़ अप्रैल 2025 तक दो अतिरिक्त ट्रेनसेट की डिलीवरी करेगा और सितंबर तक मासिक उत्पादन को दो ट्रेन तक बढ़ाएगा। येलो लाइन ट्रेनसेट भारत को रेल निर्माण में वैश्विक नेतृत्व स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

सांसद तेजस्वी सूर्या का संदेश

बेंगलुरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या ने टिटागढ़ रेल सिस्टम्स, CRRC और BMRCL टीम को बधाई दी। उन्होंने उल्लेख किया कि सीबीटीसी ट्रेन का यह पहला रोलआउट एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में टिटागढ़ हर महीने एक ट्रेनसेट की डिलीवरी करेगा और कुछ महीनों बाद यह संख्या दो ट्रेनसेट प्रति माह तक पहुंच जाएगी।

भारत के लिए एक बड़ी छलांग

इस नई तकनीक के साथ, बेंगलुरु मेट्रो न केवल यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगा, बल्कि भारत के स्वदेशी रेल निर्माण क्षमताओं को भी विश्व स्तर पर प्रदर्शित करेगा। येलो लाइन को जल्द ही चालू करने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है।

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