
रायपुर, Cyber Scam: साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों के बीच ठगों के नए तरीके का खुलासा हुआ है। पुलिस ने सिम कार्ड बेचने के जालसाज भाइयों भूपेंद्र जोशी और दुष्यंत जोशी को गिरफ्तार किया है। ये दोनों आरोपी फर्जी तरीके से सिम कार्ड जारी कर रहे थे और इनका इस्तेमाल साइबर ठगी के लिए किया जा रहा था।
फर्जी सिम कार्ड का रैकेट और ठगी के मामले
पुलिस की जांच में यह पता चला कि इन आरोपियों ने अब तक 85 सिम कार्ड जारी किए थे, जिनमें से 20 सिम कार्ड विभिन्न राज्यों में साइबर ठगी के लिए इस्तेमाल किए गए थे। अब तक इन सिम कार्डों का उपयोग करके ठगों ने 14 लाख 85 हजार 785 रुपये की ठगी की है। हालांकि, इस मामले का मास्टरमाइंड अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
सिम कार्ड बेचने के तरीके और ठगी की योजना
पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपी ग्राहकों को सिम कार्ड देते थे और फिर वेरिफिकेशन फेल होने का बहाना बनाकर दोबारा OTP भेजने का आग्रह करते थे। इसके बाद, वे एक ही ग्राहक के नाम पर दो सिम कार्ड बना लेते थे। इन सिम कार्डों को फिर साइबर अपराधियों को बेच दिया जाता था।
सिम कार्डों पर कार्रवाई और गिरफ्तारी
साइबर अपराधों से जुड़े इन सिम कार्डों को अब दूरसंचार मंत्रालय ने बंद कर दिया है, और सेवा प्रदाता कंपनियों को नोटिस जारी कर दिए हैं। आरोपी भूपेंद्र और दुष्यंत कबीरधाम जिले में घूम-घूम कर सिम कार्ड बेचते थे और इन्हें साइबर अपराधियों के हवाले कर देते थे। इस मामले में थाना कवर्धा में अपराध संख्या 91/2025 पंजीबद्ध किया गया है। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में भेज दिया गया है।
सावधानी बरतें, नया सिम लेने से पहले यह खबर जरूर पढ़ें
यह घटना यह संदेश देती है कि जब भी आप नया सिम खरीदें, तो उसकी वेरिफिकेशन प्रक्रिया को ठीक से समझें। साइबर ठगों से बचने के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप अपने सिम कार्ड के इस्तेमाल और उसकी जानकारी को पूरी सुरक्षा के साथ रखें। पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है, और ठगी के अन्य मामलों का भी पर्दाफाश करने का प्रयास कर रही है।
इस घटना ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि साइबर अपराधियों के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं, जिनसे बचने के लिए लोगों को सतर्क रहना जरूरी है।