Bhim Army: भीम आर्मी ने सतनामी समाज के समर्थन में उठाई आवाज , 20 फरवरी को सीएम हाउस का घेराव करेंगे चंद्रशेखर आजाद
Bhim Army in Chhattisgarh: आजाद समाज पार्टी के प्रमुख और सांसद चंद्रशेखर आजाद ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बलौदाबाजार हिंसा के मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों से मुलाकात की। उन्होंने आरोप लगाया कि सतनामी समाज के लोगों के साथ बर्बरता की गई है और उनका उत्पीड़न राजनीतिक कारणों से किया गया है। चंद्रशेखर आजाद ने इस मामले में सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की और चेतावनी दी कि अगर इन लोगों की रिहाई नहीं होती, तो 20 फरवरी को मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया जाएगा।
सतनामी समाज पर हमले की राजनीति से प्रेरित आरोप
Bhim Army Chief Chandra Shekhar Azad: चंद्रशेखर आजाद ने जेल में बंद सतनामी समाज के लोगों से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि बलौदाबाजार में हाल ही में हुई हिंसा पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित थी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने जानबूझकर सतनामी समाज के लोगों को निशाना बनाने के लिए यह कार्रवाई की। उनका कहना था कि एक गर्भवती महिला को भी पीटा गया, जिसके कारण उसका बच्चा मर गया और उसने अपनी पूरी जिंदगी खो दी।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार और पुलिस प्रशासन ने सतनामी समाज के लोगों पर जुल्म किया है, ताकि उनके अधिकारों की आवाज़ को दबाया जा सके। चंद्रशेखर ने यह स्पष्ट किया कि सतनामी समाज अपने हक और गौरव की रक्षा के लिए हमेशा संघर्ष करता रहेगा और इस संघर्ष में पीछे नहीं हटेगा।
आंदोलन की तैयारी: 20 फरवरी को होगा घेराव
सांसद चंद्रशेखर आजाद ने सरकार से अपील की कि अगर वे चाहते हैं तो यह मामला वापस लिया जा सकता है और जेल में बंद निर्दोषों को रिहा किया जा सकता है। लेकिन अगर सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो 20 फरवरी को पूरे सतनामी समाज के साथ वे मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगे। इसके बाद इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने का भी उन्होंने संकेत दिया।
जेल में बंद लोगों का मानना है कि उन्हें मिलेगा न्याय
चंद्रशेखर आजाद ने यह भी बताया कि जेल में मुलाकात के दौरान बंदी लोगों ने यह महसूस किया कि पुलिस ने अपनी नाकामी छुपाने के लिए उन्हें फंसाया है। बंदियों का विश्वास है कि उन्हें न्याय मिलेगा, और उनका पक्ष अदालत में सही तरीके से रखा जाएगा।
आखिरकार, चंद्रशेखर आजाद ने एक बार फिर सरकार से मांग की कि सतनामी समाज के लोगों को जल्द से जल्द रिहा किया जाए और इस मामले में निष्पक्ष जांच की जाए।