छत्तीसगढ़

रायपुर में छत्तीसगढ़ी परंपरा के साथ हो रहा भोलेनाथ का विवाह, चुलमाटी, हल्दी तेल और मायन नाचा की रस्में निभाई गईं

रायपुर, 25 फरवरी 2025 – राजधानी रायपुर के हटकेश्वरनाथ धाम में महाशिवरात्रि के अवसर पर भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह छत्तीसगढ़ी परंपराओं के साथ धूमधाम से हो रहा है। इस ऐतिहासिक आयोजन में छत्तीसगढ़ी रस्मों के तहत शिव विवाह के उत्सव को बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह आयोजन तीन दिनों तक चलेगा, जिसमें प्रत्येक दिन अलग-अलग रस्में निभाई जा रही हैं।

तीन दिनों तक चलने वाली रस्में

हटकेश्वर मंदिर में आयोजित शिव विवाह की रस्मों की शुरुआत चुलमाटी और मंडपाच्छादन से हुई। पहले दिन यह परंपरा निभाई गई, वहीं दूसरे दिन तेल मायन और नहडोरी की रस्म पूरी की गई। इस तीन दिवसीय आयोजन का समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन होगा, जब दोपहर 1 बजे भगवान भोलेनाथ माता पार्वती के साथ विवाह करने के लिए बारात के रूप में मंदिर से प्रस्थान करेंगे।

महाशिवरात्रि की महाआरती

शिव विवाह के बाद, वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच सात फेरे और सात वचनों के साथ विवाह संपन्न होगा। इस दौरान भक्तों के लिए बारात के साथ चाय, नाश्ता और भोजन की व्यवस्था भी की जाएगी। विवाह संपन्न होने के बाद मंदिर में महाआरती का आयोजन किया जाएगा। पुजारी सुरेश गिरी गोस्वामी ने बताया कि भगवान शिवजी आदिदेव हैं और उनके प्रति सभी भक्तों का गहरा सम्मान है। उनका विवाह सामूहिक उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है, जिसमें कोई विशेष आमंत्रण नहीं दिया जाता है। यह एक बड़ा धार्मिक और सामाजिक उत्सव है, जो सभी के लिए खुला है।

छत्तीसगढ़ी परंपरा के साथ विवाह उत्सव

छत्तीसगढ़ में शादियों के उत्सव को पारंपरिक और धार्मिक रस्मों के साथ मनाने की एक लंबी परंपरा रही है। जब यह विवाह भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का हो, तो उत्सव और भी खास बन जाता है। इस अवसर पर शिव भक्तों का आस्था और श्रद्धा का उत्साह देखने लायक है। महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर लोग अपनी पूरी श्रद्धा के साथ शिव विवाह में भाग ले रहे हैं।

मंदिर और आसपास के शिवालयों को किया गया सजाया

महाशिवरात्रि के इस आयोजन के तहत मंदिर से लेकर आसपास के सभी शिवालयों को विशेष रूप से सजाया और संवारा गया है। यहां के भक्तों में जोश और आस्था की लहर है, और पूरे आयोजन को लेकर खास उत्साह देखा जा रहा है।

इस शिव विवाह के आयोजन में शामिल होने वाले श्रद्धालु अपनी आस्था के साथ हर्ष और उल्लास से भरे हुए हैं, और यह आयोजन छत्तीसगढ़ी संस्कृति और परंपरा का एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।

Also Read: महाशिवरात्रि 2025: शिवलिंग पर राशिनुसार अर्पित करें ये चीजें, महादेव होंगे प्रसन्न

दक्षिण कोसल का Whatsapp Group ज्वाइन करे

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button