कोरबा: अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री रहे स्व. प्यारेलाल कंवर के बेटे-बहु और पोती की हत्या के मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। इस हत्याकांड के मामले में गिरफ्तार पांच आरोपियों पर दोष सिद्ध होने पर कोर्ट न सभी 5 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। हत्याकांड के सभी आरोपी जेल में बंद हैं। इस पूरे मामले में मृतक हरीश कंवर की मां का बयान अहम रहा। मां ने हत्यारे बड़े बेटे के खिलाफ गवाही दी। जिस पर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सभी 5 दोषियों को सजा सुनायी है।
गौरतलब है कि 21 अप्रैल 2021 की तड़के भैसमा में रहने वाले पूर्व डिप्टी सीएम स्वर्गीय प्यारेलाल कंवर के बेटे हरीश कंवर, बहू सुमित्रा कंवर और 4 साल की पोती याशिका कंवर की हत्या से क्षेत्र में हड़कंप मच गया था। हत्या की इस सनसनीखेज वारदात के बाद आरोपियों ने हत्या में इस्तेमाल किए गए लोहे के दो कत्ता को भैसमा के पास एक डेम में फेंक दिया था। हत्यारों ने तीनों के चेहरे, सिर, गर्दन, मुंह, नाक, कान, पैर पर कई बार जानलेवा हमला किया था। आरोपियों ने हत्या की वारदात से जुड़े सबूत नष्ट करने की कोशिश की थी। मामले में पुलिस ने हत्या और सबूत नष्ट करने का केस दर्ज किया था।
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5 आरोपियों को नामजद आरोपी बनाया
पुलिस ने वारदात से जुड़े सुराग को जुटाने के बाद इस वारदात के मुख्य आरोपी मृतक के बड़े भाई हरभजन कंवर और उसके साले के साथ ही 5 आरोपियों को नामजद आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया था। पुलिस ने इस मामले में हत्या से जुड़ कड़ियों को जोड़ने के साथ ही केस डायरी में हत्या की विस्तृत साक्ष्य और गवाह प्रस्तुत किये थे। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी पांचो दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है।
दोषियों को सजा दिलाने में मृतक हरीश कंवर की मां जानकी बाई की गवाही बेहद महत्वपूर्ण रही। पुलिस की जांच में घटना के समय जानकी बाई घर में मौजूद थी। लेकिन हत्यारों ने जानकी बाई की हत्या न कर गला दबाकर उसे डराने-धमकाने का प्रयास किया था। जब हत्यारे जानकी बाई के बेटे हरीश, उसकी पत्नी और बेटी पर वार कर रहे थे। तब जानकी बाई घर में ही मौजूद थी और उसने अपने बड़े बेटे हरभजन के साले परमेश्वर कंवर को पहचान लिया था। लिहाजा पुलिस के बयान में मृतक हरीश कंवर की मां ने आरोपियों के नामों का खुलासा किया था। इसके बाद कोर्ट में इस वारदात की चश्मदीद गवाह जानकी बाई के बयान पर दोष सिद्व होने पर सभी दोषियों के खिलाफ आजीवन कारावास की सजा सुनायी है।
सजा सुनकर आंख से बहने लगे आंसू
कोर्ट ने इस तिहरे हत्याकांड के मामले में सजा सुनाते वक्त सभी पांचो दोषी परमेश्वर कंवर, रामप्रसाद मन्नेवार, हरभजन सिंह कंवर, धनकुंवर और सुरेंद्र सिंह कंवर कोर्ट के कटघरे में खड़े थे। सजा सुनकर धनकुंवर के आंख से आंसू बहने लगे। वहीं अन्य दोषी भी मायूस नजर आए। कोर्ट का फैसला आते ही पुलिस ने दोषियों को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें पुलिस सुरक्षा में कोरबा जेल भेजा गया। पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ था कि हरीश कंवर उसकी पत्नी और मासूम बच्ची की हत्या का कारण घरेलू विवाद बना।
मोबाइल फोन से भेजा था संदेश
कोर्ट ने जिन्हें हत्या का दोषी ठहराया है, उसमें हरीश का बड़ा भाई हरभजन सिंह कंवर, उसकी पत्नी और साला परमेश्वर कंवर के अलावा परमेश्वर के दोस्त रामप्रसाद मन्नेवार और सुरेंद्र सिंह कंवर शामिल हैं। इस हत्याकांड की विवेचना के दौरान पुलिस ने मोबाइल फोन से एक संदेश को जब्त किया था, जिसमें लिखा गया था कि घर खाली है, आप लोग आ जाइए। यह मैसेज हरभजन के परिवार की ओर से परमेश्वर कंवर के मोबाइल पर भेजा गया था। इसी संदेश ने हत्याकांड के राज खोले थे और पुलिस ने एक-एक कर घटना में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
हत्या को अंजाम देने के लिए परमेश्वर अपने दोस्त सुरेंद्र और रामप्रसाद मन्नेवार के साथ बाइक पर सवार होकर हरीश के घर पहुंचा था। हरीश की हत्या की साजिश पहले ही उसके बड़े भाई और उसकी पत्नी ने रची थी। घटना घटित होने से थोड़ी देर पहले हरीश का बड़ा भाई हरभजन अपनी पत्नी धनकुंवर और बेटी के साथ सुबह की सैर के लिए निकल गया था। घर का दरवाजा खुला था और हरीश परिवार के साथ कमरे में सोया था। तीनों आरोपियों ने इस हत्याकांड की वारदात को अंजाम देकर फरार हो गये थे।
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