बिलासपुर में मिशनरीज का लीज रिन्यूअल आवेदन निरस्त:अस्पताल के लिए आवंटित भूमि पर चल रहा गैरेज-रेस्टोरेंट, ऑक्सीजोन बनाने की तैयारी
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में निजी अस्पताल के लिए आवंटित सरकारी जमीन को गैरेज, रेस्टोरेंट और तिब्बती मार्केट चलाने के लिए किराए पर उठाने का मामला सामने आया है। खास बात यह है कि बीच बस्ती में स्थित इस 10 एकड़ बेशकीमती जमीन की लीज अवधि समाप्त होने पर संस्था की ओर से लीज नवीनीकरण के लिए आवेदन दिया गया, जिसे नजूल अधिकारी ने निरस्त कर दिया।
अब प्रशासन इस बड़े भू-भाग का उपयोग ऑक्सीजोन, उद्यान आदि के लिए करने की तैयारी कर रहा है। शायद यही वजह है कि कलेक्टर और नगर निगम कमिश्नर ने बरसते पानी में मौके का पैदल मुआयना किया।
30 साल पहले समाप्त हो चुकी लीज
खबर है कि पुलिस पेट्रोल पंप के सामने स्थित नजूल जमीन क्रिश्चियन मिशनरी को अस्पताल और स्वास्थ्य सेवाएं संचालित करने के लिए प्रशासन द्वारा साल 1964 में लीज पर आवंटित की गई थी। इस भूमि पर मिशन के नाम से प्राइवेट अस्पताल खोला गया पर इस भूमि की लीज अवधि 1994 में ही समाप्त हो चुकी है। राजस्व अभिलेख के मुताबिक नजूल शीट 14,प्लाट नंबर 201 और 21, करीब 10 एकड़ भूमि क्रिश्चियन वुमन बोर्ड ऑफ मिशन के नाम पर दर्ज है।
प्रशासन कार्रवाई के मूड में
सूत्रों के मुताबिक प्रशासन ने उक्त भूमि क्रिश्चियन वूमन बोर्ड आफ मिशन को इस शर्त पर लीज पर दिया था कि वहां किसी भी प्रकार की व्यवसायिक गतिविधियों का संचालन नहीं किया जाएगा, अन्य प्रकार की गतिविधि प्रतिबंधित रहेगी। इसी तरह परिसर के स्वरूप में किसी भी प्रकार के परिवर्तन या नए निर्माण के लिए कलेक्टर की अनुमति लेनी होगी। लेकिन सालों से नियमों का उल्लंघन किया जाता रहा।
जनहित के लिए दी गई थी जमीन
सूत्रों के मुताबिक जनहित के लिए आबंटित जमीन के एक हिस्से को निजी अस्पताल को किराए पर दिया गया और एक हिस्से को अवैध तरीके से रेस्टोरेंट और चौपाटी चलाने के लिए किराए पर दे दिया गया। साथ ही जमीन के अन्य हिस्से को भी गैरेज और तिब्बती वूलन मार्केट को किराए पर देने की जानकारी प्रशासन के पास है। इसके अलावा परिसर में अवांछित गतिविधियों की भी शिकायत प्रशासन के पास पहुंची, तो इन तथ्यों की जांच के बाद लीज नवीनीकरण का आवेदन निरस्त कर दिया गया।
बरसते पानी में अफसरों ने मौका देखा
जानकारी मिली है कि लीज अवधि समाप्त होने के मद्देनजर प्रशासन ने उक्त जमीन पर वृहद ऑक्सीजोन और उद्यान बनाने की प्लानिंग की है। नजूल पट्टे की अवधि समाप्त होने तथा लीज नवनीनीकरण आवेदन निरस्त होने के बाद प्रशासन जमीन वापस लेने की तैयारी में है। शायद यही वजह है कि कलेक्टर अवनीश शरण एवं नगर निगम कमिश्नर ने बरसते पानी के बीच मौके का मुआयना किया।
लीज समाप्त होने पर ऑडिटोरियम बनाया गया
महानगर की ओर बढ़ रहे बिलासपुर में तेजी से बढ़ते कांक्रीटीकरण के चलते प्रशासन सरकारी जमीन का सदुपयोग करने के लिए निरंतर प्रत्यनशील है। मिशन अस्पताल के पीछे करीब इतनी ही बड़ी जमीन यूनाइटेड क्लब को आवंटित की गई थी, जिसकी लीज अवधि समाप्त होने के बाद प्रशासन ने वहां 21 करोड़ की लागत से आलीशान ऑडिटोरियम का निर्माण किया है। प्रशासन निजी अस्पताल की जमीन की लीज समाप्त होने पर उसका उपयोग ऑक्सीजोन के रूप में करने की प्लानिंग कर रहा है।
सरकारी जमीन का बेहतर उपयोग करेंगे: कलेक्टर
कलेक्टर अवनीश शरण ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया कि मिशन अस्पताल को लीज पर दी गई सरकारी जमीन की लीज अवधि समाप्त हो चुकी है। संस्था की ओर से लीज के नवीनीकरण के लिए किया गया आवेदन नजूल अधिकारी ने अपनी जांच के बाद इस बिना पर निरस्त कर दिया है, क्योंकि जिस उद्देश्य से जमीन आवंटित की गई थी, उसकी पूर्ति नहीं हो रही थी। यह पूछे जाने पर कि क्या मौके पर ऑक्सीजोन, उद्यान बनाने की प्रशासन की कोई योजना है? उन्होंने कहा कि मौके का जो भी बेहतर उपयोग होगा, किया जाएगा।
तहसील से कार्रवाई होगी
नजूल अधिकारी एसके दुबे ने बताया कि नजूल भूमि की लीज अवधि समाप्त होने, नवीनीकरण का आवेदन निरस्त होने के बाद अब उक्त जमीन का पजेशन लेने की कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए तहसीलदार के स्तर पर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
अस्पताल हित में लीज नवीनीकरण की मांग
मिशन अस्पताल के डायरेक्टर डॉ.रमन जोगी ने ‘दैनिक भास्कर’से बातचीत में बताया कि लीज नवीनीकरण नहीं होने के कारण अस्पताल प्रशासन को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। चर्च, मिशनरी और विदेशों से चैरिटी फंड नहीं मिल रहा है। डाक्टरों के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लग गया है और इसलिए मरीज और अस्पताल के व्यापक हित में लीज नवीनीकरण की मांग की गई है। अस्पताल परिसर से जुड़ी जमीन पर गैरेज और रेस्टोरेंट चलने की बात पर उन्होंने कहा कि वह बेजा कब्जा में है।
14 एकड़ भूमि का टैक्स पटा रहे
डॉ जोगी ने कहा कि अस्पताल के संचालन के दौरान लीज पर आवंटित पूरी भूमि जो 14 एकड़ के करीब है, भूमि की बेहतर तरीके से देखभाल की जा रही है। संस्था की ओर से निगम का टैक्स भी पटाया जा रहा है। 1994 में जब लीज की अवधि समाप्त हो गई थी, तब लीज के नवीनीकरण का आवेदन किया गया था, उनकी ओर से भी आवेदन किया गया है।