छत्तीसगढ़राजनीति

भाजपा से बगावत: विधायक रेणुका सिंह की बेटी मोनिका निर्दलीय चुनाव मैदान में, मुकाबला रोचक

सूरजपुर, 3 फरवरी 2025। छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नामांकन के आखिरी दिन 3 फरवरी को सूरजपुर जिले में राजनीति का गर्मी का मौसम नजर आया। इस दिन जिले के विभिन्न क्षेत्रों में नामांकन की प्रक्रिया के साथ ही चुनावी माहौल में हलचल बढ़ गई। खासकर, एक घटना ने सियासी खेमों में हलचल मचा दी जब बीजेपी विधायक रेणुका सिंह की बेटी मोनिका सिंह ने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया।

बीजेपी से बगावत, निर्दलीय चुनावी दंगल में उतरी मोनिका सिंह

मोनिका सिंह, जो कि क्षेत्र में ‘जूनियर रेणुका’ के नाम से मशहूर हैं, ने अपने बागी तेवर दिखाए और पार्टी से समर्थन न मिलने के बावजूद निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया। उनका कहना है कि उन्हें क्षेत्रीय लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है, और इस समर्थन के चलते वे मैदान में उतरने के लिए मजबूर हुईं।

मोनिका ने बताया कि उनका यह कदम किसी बगावत के तहत नहीं बल्कि लोगों के आशीर्वाद से उठाया गया है। उनका कहना था, “क्षेत्र के कार्यकर्ता, युवा, महिला और बुजुर्ग सभी मेरे साथ हैं। मेरे चुनाव में उतरने का कारण वही समर्थन है।”

रामानुजनगर क्षेत्र में सियासी घमासान, दो बड़े चेहरे आमने-सामने

सूरजपुर जिले के रामानुजनगर क्षेत्र में इस चुनाव को लेकर सियासी संघर्ष और भी गहरा हो गया है। इस बार यहां से तुलेश्वर सिंह के बेटे सतवंत सिंह भी चुनावी मैदान में हैं। सतवंत सिंह कांग्रेस के समर्थन से चुनाव लड़ने जा रहे हैं, और उनकी बहन शशि सिंह, जो खुद एक प्रमुख कांग्रेस नेत्री हैं, उनके लिए सख्त अभियान चला रही हैं।

सतवंत सिंह और मोनिका सिंह के बीच मुकाबला होने से यह क्षेत्र एक बड़ा सियासी अखाड़ा बन गया है। दोनों के परिवारों की जड़ें क्षेत्र में गहरी हैं, और अब देखना यह होगा कि इस मुकाबले में जीत किसके हिस्से आती है।

भाजपा का शक्ति प्रदर्शन, रैली के साथ नामांकन दाखिल

दूसरी ओर, भाजपा ने भी अपनी पूरी ताकत लगाते हुए अपने 15 समर्थित उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल कराए। पार्टी ने बाजे-गाजे के साथ एक भव्य रैली निकाली, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता जैसे रामसेवक पैकरा, लक्ष्मी राजवाडे, भूलन सिंह और मुरली मनोहर सोनी सहित कई प्रमुख चेहरे शामिल हुए।

जिला पंचायत के लिए आज 136 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया, और 6 फरवरी तक नाम वापस लेने की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। इसके बाद निर्वाचन प्रतीकों का आबंटन और चुनावी प्रक्रिया की शुरुआत होगी।

चुनावी मैदान में महिलाओं की सक्रियता

इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष का पद महिला आरक्षित है, और साथ ही पंद्रह में से आठ क्षेत्र भी महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। इस कारण महिला नेताओं की सक्रियता भी बढ़ी हुई है। भाजपा, कांग्रेस दोनों ही दलों की महिला नेत्रियां इस चुनाव में अपने राजनीतिक दांव-पेंच का पूरा इस्तेमाल करने को तैयार हैं।

अब देखना यह होगा कि सूरजपुर के इस चुनावी संग्राम में किसे सफलता मिलती है, क्योंकि मुकाबला काफी रोचक होता जा रहा है।

Also Read: चाकूबाजी और मारपीट मामले में सलमान खान समेत 7 आरोपी गिरफ्तार  

दक्षिण कोसल का Whatsapp Group ज्वाइन करे

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button