छत्तीसगढ़

भाजपा के कद्दावर आदिवासी नेता नन्द कुमार साय ने की भूपेश सरकार की तारीफ, भाजपा को दी नसीहत, जानिया क्या कहा!

भाजपा के कद्दावर आदिवासी नेता नन्द कुमार साय फिर एक बार अपने बयान को लेकर सुर्ख़ियों में हैं। संस्कृत के प्रकांड विद्वान और अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से भाजपा संगठन में प्रदेश अध्यक्ष, विधायक, लोकसभा और राज्यसभा सांसद के साथ बीते कार्यकाल में ट्रायबल कमीशन के अध्यक्ष रह चुके नंद कुमार साय ने भूपेश सरकार की नीतियों को लेकर अपने विचार रखे हैं। नन्द कुमार साय इन दिनों जशपुर के अपने गाँव भगोरा में हैं। नंद कुमार साय भाजपा के सत्ता के दौर में कई बार संगठन व सरकार की नीतियों को लेकर अपने तीखे विचार रखते रहे हैं।

अपने बयान में उन्होंने कहा कि “जब सत्ता में थे तो कई जगहों कई मसलो पर चूकते रहे हैं..गाय गोबर संस्कृति का मसला रहा है..संघ ने भी हमेशा इसके संरक्षण की बात कही थी, गोबर बहुउपयोगी है इस पर काम करने की जरुरत थी..डॉ रमन सिंह इस पर भी चूके..

पूर्व सांसद नंद कुमार साय ने कहा –“मौजुदा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कई वायदे पर सरकार में आए और कई वादे पूरे नही हुए, शराबबंदी बेरोज़गारी भत्ता जैसे ढेरों वायदे पर कोई बात तक नही होती..बावजूद इसके गाय,गोबर,किसान जैसे मसलों पर निर्णय ने भूपेश बघेल को मज़बूत किया है और भाजपा के लिए चुनौती और तगड़ी की है..हालाँकि इस गोबर योजना और नरवा गरवा घूरवा और बाड़ी वाले बहुत प्रचारित योजनाओं का ज़मीन पर मूल्यांकन होना बाक़ी है.. वहीं धान ख़रीद योजना में किसान बेहद परेशान और नाराज़ है”


ट्रायबल कमीशन के पूर्व अध्यक्ष नंद कुमार साय ने कहा –“कार्यकर्ता के भीतर उत्साह जगाना होगा.. एक पूरी कार्ययोजना से काम करना होगा..कार्यकर्ता क्यों नाराज था जब यह जानेंगे तो वो कैसे मानेगा यह भी जल्दी समझ आएगा”

नंद कुमार साय ने स्पष्ट किया कि, हालिया दिनों में प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी और नितिन नवीन की मौजूदगी में आयोजित पहली बैठक से वे किसी नाराज़गी की वजह से नही गए थे। पूर्व सांसद साय ने कहा
“मैं दोनों से सौजन्य मुलाक़ात कर चुका था..मुझे बताया गया कि इस बैठक में वो लोग रहेंगे जिनके पास जवाबदेही थी..दायित्वों को लेकर प्रश्न होने थे.. मेरी वहाँ उपस्थिति का प्रसंग नही था इसलिए चला आया”

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