CG Health System Failure: डबरी में डूबे दो मासूम, एंबुलेंस नहीं पहुंची, बाइक पर लाए शव; पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टर ने मांगे 10-10 हजार रुपए रिश्वत

CG Health System Failure: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां डबरी (मछली पालन के लिए बनी छोटी जलकुंड) में नहाते समय दो मासूम चचेरे भाइयों की मौत हो गई। घटना के बाद न सिर्फ प्रशासन की लापरवाही सामने आई, बल्कि अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर पर गंभीर रिश्वतखोरी का आरोप भी लगा है।
घर में अकेले छोड़े गए थे परिजन, डबरी में डूबने से गई जान
घटना रघुनाथपुर थाना क्षेत्र की है। जानकारी के अनुसार, सूरज गिरी (5 वर्ष) पुत्र विनोद गिरी और जुगनू गिरी (5 वर्ष) पुत्र सिवा गिरी अपने घर में अकेले थे। उसी दौरान दोनों बच्चे घर के पास बनी डबरी में नहाने चले गए। परिजन मछली पकड़ने पास की नदी में गए हुए थे।
जब वे लौटे और बच्चे दिखाई नहीं दिए तो खोजबीन शुरू हुई। डबरी के पास बच्चों के कपड़े मिलने के बाद परिजनों को शक हुआ और जब उन्होंने पानी में उतरकर देखा, तो दोनों मासूमों के शव तैरते हुए मिले।
एंबुलेंस को कॉल करते रहे, नहीं मिली मदद
शव मिलने के बाद परिजन घबराकर 108 एंबुलेंस सेवा को बार-बार कॉल करते रहे, लेकिन कई प्रयासों के बावजूद कोई एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची। आखिरकार थक-हारकर परिजन बच्चों के शव को बाइक पर ही रखकर रघुनाथपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। अस्पताल में डॉक्टरों ने दोनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया।

डॉक्टर पर गंभीर आरोप: पोस्टमार्टम के लिए मांगे पैसे?
मामला यहीं नहीं रुका। बच्चों की मौत से बेसुध परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर अमन जायसवाल ने दोनों बच्चों के पोस्टमार्टम के लिए 10-10 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। परिजनों ने जब अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति बताई, तो डॉक्टर ने कथित तौर पर 5-5 हजार रुपये में पोस्टमार्टम करने की बात कही।
सवाल उठते हैं—व्यवस्था कब सुधरेगी?
- एक तरफ मासूमों की जान चली जाती है और दूसरी तरफ परिजन एम्बुलेंस तक के लिए तरसते हैं।
- और जब वे अस्पताल पहुंचते हैं तो वहां उनसे पैसे मांगने का आरोप लगता है।
यह घटना न सिर्फ दिल को झकझोरती है, बल्कि हमारे स्वास्थ्य और आपातकालीन तंत्र की सच्चाई भी उजागर करती है।
प्रशासन की चुप्पी, कार्रवाई का इंतजार
फिलहाल प्रशासन की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। परिजनों की मांग है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। वहीं, डॉक्टर अमन जायसवाल पर लगे आरोपों की पुष्टि या खंडन की भी आवश्यकता है, क्योंकि मामला अब सिर्फ एक हादसे का नहीं, सिस्टम की संवेदनहीनता का है।