राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक में छत्तीसगढ़ देश में नंबर 2 पर

रायपुर। CG Fiscal Health Index: छत्तीसगढ़ ने एक बार फिर राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक में देशभर में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। नीति आयोग द्वारा जारी की गई 2022-23 की रैंकिंग में छत्तीसगढ़ ने 55.2 अंक प्राप्त किए और इस बार ‘एचीवर’ श्रेणी में जगह बनाई। राज्य ने पिछले तीन वर्षों से यह स्थान बनाए रखा है, जो राज्य के खनिज से राजस्व जुटाने के अच्छे प्रदर्शन को भी दर्शाता है।
रैंकिंग में छत्तीसगढ़ की बेहतरी और मुख्य कारण
यह रिपोर्ट राज्यों के राजकोषीय स्वास्थ्य के पांच प्रमुख सूचकांकों पर आधारित है, जिनमें व्यय की गुणवत्ता, राजस्व जुटाना, राजकोषीय विवेक, ऋण सूचकांक और ऋण स्थिरता शामिल हैं। नीति आयोग के अध्ययन में 18 प्रमुख राज्यों का विश्लेषण किया गया, जिनमें छत्तीसगढ़ ने 55.2 अंकों के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। विशेष रूप से राजस्व जुटाने और व्यय की गुणवत्ता में छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन शानदार रहा।
खनिज से राजस्व में वृद्धि
छत्तीसगढ़ ने पिछले कुछ वर्षों में खनिज से अपनी राजस्व प्राप्ति में उल्लेखनीय वृद्धि की है। 2018-19 में छत्तीसगढ़ को खनिज से सिर्फ 2211.68 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई थी, जो 2021-22 में बढ़कर 8838.72 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। इससे राज्य को खनिज उद्योग में अपनी स्थिति को मजबूत करने का मौका मिला, जो इसके राजकोषीय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक रहा है।
आकांक्षी राज्यों के मुकाबले छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन
रैंकिंग में शीर्ष पांच राज्यों में ओडिशा, छत्तीसगढ़, गोवा, झारखंड और गुजरात शामिल हैं, जबकि आकांक्षी राज्यों में हरियाणा, केरल, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और पंजाब प्रमुख हैं। हालांकि, छत्तीसगढ़ ने गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों को पीछे छोड़ते हुए इस उच्च स्थान पर अपना परचम लहराया है।
सुझाव और भविष्य की दिशा
नीति आयोग के इस विश्लेषण से यह स्पष्ट होता है कि छत्तीसगढ़ ने अपनी राजकोषीय स्थिति को सुधारने के लिए जो कदम उठाए हैं, वे सकारात्मक दिशा में जा रहे हैं। हालांकि, ऋण स्थिरता में राज्य का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहा है, इसके बावजूद राज्य का कुल राजकोषीय स्वास्थ्य बाकी राज्यों के मुकाबले बेहतर स्थिति में है।
इस प्रकार, छत्तीसगढ़ का निरंतर अच्छा प्रदर्शन और खनिज से मिलने वाला राजस्व उसे देश के अग्रणी राज्यों के साथ खड़ा कर रहा है, और यह राज्य की आर्थिक विकास दर को ऊंचाई तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
छत्तीसगढ़ ने राजकोषीय स्वास्थ्य के मामले में देश में अपना दूसरा स्थान बनाए रखा है, जो राज्य के खनिज से राजस्व जुटाने और वित्तीय अनुशासन में सुधार के संकेत देता है। आने वाले वर्षों में इस अच्छे प्रदर्शन को बरकरार रखने के लिए राज्य को ऋण स्थिरता और अन्य क्षेत्रों में और सुधार की आवश्यकता है।
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