CG Teacher Rationalization: युक्तियुक्तकरण पर फिर उठा बड़ा सवाल: शिक्षकों की कमी और युक्तियुक्तकरण की उलझन, शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव से की मुलाकात

रायपुर23 मई 2025: CG Teacher Rationalization: छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। शिक्षक कम, स्कूल ज्यादा और अब छत्तीसगढ़ शिक्षक युक्तियुक्तकरण की नीति ने हालात को और उलझा दिया है। इसी मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय आईटी सेल प्रभारी एवं शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री विवेक कुमार शर्मा ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक किरण देव से जगदलपुर में मुलाकात की और शिक्षा विभाग की गड़बड़ियों पर खुलकर चर्चा की।

“पांच कक्षा, दो शिक्षक – ये कैसा न्याय?”
CG Teacher Yuktiyuktkaran: विवेक शर्मा ने सीधा सवाल खड़ा किया कि आखिर पांच कक्षाओं के लिए सिर्फ दो शिक्षक कैसे पर्याप्त हो सकते हैं? उन्होंने कहा कि प्रत्येक कक्षा के लिए एक शिक्षक अनिवार्य होना चाहिए, तभी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा संभव है। वर्तमान युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में कई विसंगतियां हैं जो न केवल शिक्षकों को नुकसान पहुंचा रही हैं, बल्कि बच्चों की पढ़ाई पर भी सीधा असर डाल रही हैं।

विवेक शर्मा ने यह भी मांग रखी कि मिडिल, हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों में छात्रों की संख्या और विषय के अनुसार शिक्षक नियुक्त किए जाएं। उन्होंने भाजपा नेतृत्व से इस मामले को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सामने रखने का आग्रह किया। उनका कहना है कि अगर शिक्षा प्रणाली मजबूत नहीं होगी, तो “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” जैसे अभियान सिर्फ पोस्टर तक ही सीमित रह जाएंगे।
अंबिकापुर डीईओ के आदेश से मचा बवाल
उधर, छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने भी युक्तियुक्तकरण को लेकर गहरी आपत्ति जताई है। उन्होंने आरोप लगाया कि अंबिकापुर के डीईओ ने डीपीआई के निर्देशों के उलट आदेश जारी कर दिए हैं, जिससे पूरे प्रदेश में शिक्षकों और पालकों के बीच भ्रम और असंतोष का माहौल बन गया है।
21 मई को जारी आदेश में डीईओ ने बीईओ को निर्देशित किया कि सहायक शिक्षक और शिक्षक की जानकारी वर्तमान युक्तियुक्तकरण सेटअप के अनुसार दी जाए, जबकि व्याख्याता की जानकारी 2008 के सेटअप के हिसाब से मांगी गई है। संजय शर्मा ने सवाल किया कि जब डीपीआई का एक ही निर्देश है, तो फिर तीन अलग-अलग संवर्गों के लिए दो मापदंड कैसे अपनाए जा सकते हैं?
शिक्षक बोले – 2008 का सेटअप ही सही
शिक्षक वर्ग का कहना है कि वर्तमान युक्तियुक्तकरण नीति में भारी खामियां हैं और 2008 का सेटअप ज्यादा व्यावहारिक और संतुलित था। डीपीआई ने हाल ही में संयुक्त संचालक और डीईओ की बैठक बुलाई थी, उसके बाद अंबिकापुर से यह आदेश आया है, जिसने मामले को और उलझा दिया है।
शिक्षकों की संख्या, युक्तियुक्तकरण की पारदर्शिता और शिक्षा की गुणवत्ता जैसे सवाल अब सड़क से सदन तक गूंजने लगे हैं। शिक्षकों की मांग है कि सरकार इस पूरे मामले को गंभीरता से ले और ऐसा समाधान निकाले जो बच्चों के भविष्य को रोशन करे, न कि और अंधकारमय।