
रायपुर 13 फरवरी CG Board Exams 2025: मार्च में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं का समय लगभग तय हो चुका है, लेकिन अब एक नई समस्या सामने आई है। इस साल 5वीं से 8वीं और 10वीं से 12वीं तक की दो प्रमुख बोर्ड परीक्षाएं एक ही दिन और समय पर होनी वाली हैं। यह स्थिति स्कूल प्रबंधन और शिक्षकों के लिए परेशानी का सबब बन गई है, क्योंकि दोनों परीक्षाओं के बीच सिर्फ एक घंटे का अंतर है।
5वीं-8वीं और 10वीं-12वीं की परीक्षाएं एक ही दिन
राज्य सरकार ने इस साल से 5वीं और 8वीं कक्षाओं की केंद्रीयकृत परीक्षा का आयोजन शुरू किया है। इन कक्षाओं के प्रश्न पत्र 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की तरह होंगे। परीक्षा का आयोजन 17 मार्च से 3 अप्रैल तक होगा। 17 से 26 मार्च तक 6 दिन ऐसे होंगे, जब 5वीं-8वीं और 10वीं-12वीं के पेपर एक ही दिन होंगे। इन परीक्षाओं के बीच सिर्फ एक घंटे का अंतर होगा, जिससे स्कूल प्रबंधन को चिंता सताने लगी है।
परीक्षाओं के आयोजन का शेड्यूल
5वीं की परीक्षा 17 मार्च से शुरू होगी और 8वीं की परीक्षा 17 मार्च से 3 अप्रैल तक चलेगी। वहीं, 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 1 मार्च से शुरू होकर 28 मार्च तक चलेंगी। इस बीच 18 मार्च को सुबह 8 से 11 बजे तक 8वीं कक्षा के गणित का पेपर और 9 से 12.15 बजे तक 12वीं कक्षा के रसायन, राजनीति और लेखा शास्त्र के पेपर होंगे।
स्कूलों में बढ़ी दुविधा
मार्च में एक ही दिन दो बोर्ड परीक्षाएं होने से स्कूलों में व्यवस्था को लेकर दुविधा बनी हुई है। खासकर उन स्कूलों में जहां प्राइमरी से लेकर हायर सेकेंडरी तक की कक्षाएं एक ही कैंपस में चलती हैं। दोनों परीक्षाओं के बीच इतने कम अंतर के कारण परीक्षा केंद्रों की व्यवस्था करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। हालांकि, प्राइमरी और हायर सेकेंडरी के स्टाफ अलग-अलग होते हैं, फिर भी स्कूल प्रशासन को व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने में काफी मेहनत करनी पड़ेगी।
शिक्षकों और स्कूल प्रशासन की चिंता
इस स्थिति को लेकर शिक्षकों और स्कूल प्रशासन के मन में कई सवाल हैं। एक ही दिन दो परीक्षाएं होने से स्टाफ की कमी, विद्यार्थियों की संख्या और परीक्षा के आयोजन में मुश्किलें सामने आ सकती हैं। हालांकि, राज्य सरकार इस परेशानी का समाधान निकालने के लिए तैयारी में जुटी है, लेकिन स्कूलों में इस बदलाव को लेकर अव्यवस्था की आशंका बनी हुई है।
परीक्षाओं के इस टकराव को देखते हुए स्कूलों के प्राचार्य, प्रधान पाठक और शिक्षक अब व्यवस्थाओं को सही तरीके से लागू करने के लिए जल्द से जल्द कोई ठोस योजना तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं।
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