छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने आगामी तीन वर्षों में राज्य से निर्यात को दोगुना करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इसके लिए राज्य सरकार ने भारत सरकार के उपक्रम इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड (आईआईएफटी) के साथ करार करने का निर्णय लिया है। यह कदम राज्य के निर्यात को प्रोत्साहन देने और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।
निर्यात प्रोत्साहन में आईआईएफटी की भूमिका
आईआईएफटी और राज्य सरकार का करार
राज्य सरकार द्वारा आईआईएफटी के साथ एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) के तहत 3 वर्षों के लिए 74.88 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की जाएगी। इस राशि का उपयोग रायपुर में उद्योग भवन में केंद्र स्थापित करने और इसके संचालन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर एवं मानव संसाधन की व्यवस्था के लिए किया जाएगा।
निर्यात प्रोत्साहन के लिए आवश्यकताओं का आकलन
आईआईएफटी कोलकाता केंद्र ने राज्य में निर्यात प्रोत्साहन के लिए उद्योग विभाग के सामने प्रजेंटेशन दिया था। इसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ में केंद्र की स्थापना की आवश्यकता और इसके संभावित लाभों को प्रस्तुत किया।
छत्तीसगढ़ का वर्तमान निर्यात स्थिति
वित्त वर्ष 2023-24 में निर्यात आंकड़े
पिछले वित्त वर्ष में छत्तीसगढ़ का निर्यात 27 हजार करोड़ रुपए था। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि आगामी तीन वर्षों में इस आंकड़े को दोगुना कर 54 हजार करोड़ रुपए तक पहुँचाया जाए।
निर्यात में आने वाली चुनौतियाँ
वर्तमान में छत्तीसगढ़ में निर्यात प्रोत्साहन के लिए कोई विशिष्ट संस्थान नहीं है। पहले डीजीएफटी (विदेश व्यापार महानिदेशालय) द्वारा एक केंद्र का संचालन किया जाता था, लेकिन ऑनलाइन व्यवस्था के सुदृढ़ होने के बाद इसे बंद कर दिया गया था। इससे निर्यातकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
आईआईएफटी केंद्र की स्थापना
केंद्र की स्थापना और संचालन
आईआईएफटी 3 वर्षों तक रायपुर में उद्योग भवन से केंद्र संचालित करेगा। इसके लिए सुसज्जित व्यवस्था सीएसआईडीसी द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। इस केंद्र के माध्यम से राज्य के निर्यातकों को आवश्यक मार्गदर्शन और समर्थन प्राप्त होगा।
केंद्र के लाभ
इस केंद्र के माध्यम से निर्यातकों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होंगे:
- निर्यात प्रशिक्षण: निर्यातकों को विभिन्न देशों के निर्यात प्रक्रियाओं और नियमों के बारे में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
- मार्केट एक्सेस: वैश्विक बाजारों तक पहुँचने में मदद मिलेगी।
- तकनीकी सहायता: निर्यात प्रक्रियाओं में आने वाली तकनीकी समस्याओं का समाधान।
मुख्यमंत्री की स्वीकृति
प्रस्ताव की स्वीकृति
इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पास अनुमोदन के लिए भेजा गया है। मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद इस केंद्र की स्थापना और संचालन की प्रक्रिया तेजी से शुरू की जाएगी।
निर्यातकों का सहयोग
आईआईएफटी के माध्यम से निर्यातकों को विभिन्न देशों में निर्यात करने के लिए आवश्यक सलाह और सहयोग प्राप्त होगा। इससे राज्य का निर्यात बढ़ेगा और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार का यह कदम राज्य के निर्यातकों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। आईआईएफटी के सहयोग से निर्यातकों को आवश्यक मार्गदर्शन और समर्थन मिलेगा, जिससे राज्य का निर्यात दोगुना करने का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा।