छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा एक्शन: राजनांदगांव पुलिस भर्ती रद्द, 7 गिरफ्तार
रायपुर।
छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने राजनांदगांव में पुलिस भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी सामने आने के बाद सख्त कदम उठाते हुए परीक्षा को रद्द कर दिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर गृहमंत्री विजय सहरमा ने यह निर्णय लिया। भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता के चलते अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 4 कॉन्स्टेबल और एक अभ्यर्थी शामिल हैं।
गड़बड़ी की शुरुआत
राजनांदगांव जिले में 16 नवंबर 2024 से शुरू हुई पुलिस भर्ती प्रक्रिया में फिजिकल टेस्ट के दौरान नंबरों में हेरफेर की शिकायतें मिलीं। 16 दिसंबर 2024 को लालबाग थाने में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
आरक्षक की आत्महत्या
21 दिसंबर 2024 को इस मामले से जुड़े खैरागढ़ पुलिस में पदस्थ आरक्षक अनिल रत्नाकर ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने लालबाग थाना क्षेत्र में एक पेड़ पर फांसी लगा ली। आत्महत्या से पहले उन्होंने अपनी हथेली पर यह संदेश लिखा कि “आरक्षक भर्ती में कर्मचारी को फंसाया जा रहा है, अधिकारी को बचाया जा रहा है। इसमें सभी इन्वॉल्व हैं।”
गिरफ्तारियां और जांच
पुलिस ने अब तक इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें कवर्धा के पंडरिया ब्लॉक की अभ्यर्थी मीना पात्रे और 4 कॉन्स्टेबल – परिधि निषाद, पवन कुमार साहू, योगेश कुमार धुर्वे, और नुतेश्वरी धुर्वे के अलावा धर्मराज मरकाम और पुष्पा चंद्रवशी का नाम शामिल है।
एसआईटी गठन
आईजी राजनांदगांव दीपक कुमार झा के नेतृत्व में विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया गया है। SIT को 10 दिनों के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
सरकार पर दबाव
इस मुद्दे को लेकर छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने सरकार पर लगातार निशाना साधा था। कांग्रेस के आरोप थे कि सरकार भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने में विफल रही है। इसके चलते सरकार ने मजबूरन भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया और जांच तेज कर दी।
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