CG Rajkiya Geet: छत्तीसगढ़ का राज्य गीत: अरपा पैरी के धार – छत्तीसगढ़ी अस्मिता की पहचान

छत्तीसगढ़ की संस्कृति, प्रकृति और जन-जीवन की सजीव झलक प्रस्तुत करता गीत ‘अरपा पैरी के धार…’ अब chhattisgarh rajya geet के रूप में प्रतिष्ठित हो चुका है। जब अरपा और पैरी की कलकल बहती धारों में छत्तीसगढ़ की माटी की महक घुलती है, तब जन्म लेता है यह एक गीत – जो दिल को छूता है, आत्मा को जगाता है।
यह cg rajkiya geet 3 नवम्बर 2019 को रायपुर के राज्योत्सव मंच से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा घोषित किया गया। “अरपा पैरी के धार…” सिर्फ शब्द नहीं, यह छत्तीसगढ़ की मिट्टी, उसकी संस्कृति और माँ जैसी ममता का गर्वित घोष है – एक सच्चा राज्यगीत।
गीत के रचयिता, प्रख्यात साहित्यकार व भाषाशास्त्री आचार्य डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा का यह रचना-समर्पण उनके 80वें जन्मदिन पर राज्य को एक अनुपम सांस्कृतिक तोहफा बनकर मिला।
राजपत्र में अधिसूचना और उपयोग
18 नवम्बर 2019 को इसे औपचारिक रूप से राजपत्र में प्रकाशित कर राज्य गीत के रूप में अधिसूचित किया गया। इसके बाद यह नियम बना कि यह गीत सभी शासकीय कार्यक्रमों की शुरुआत में अनिवार्य रूप से गाया जाएगा।

Arpa Pairi Ke Dhar Lyrics in Hindi (अरपा पैरी के धार के बोल)
यदि आप ढूंढ रहे हैं arpa pairi ke dhar lyrics in hindi, तो नीचे प्रस्तुत हैं छत्तीसगढ़ के इस सुंदर लोकगीत के शब्द, जो अब राज्यगीत का रूप ले चुके हैं:
अरपा पइरी के धार, महानदी हे अपार,
इन्द्रावती ह पखारय तोर पइँया।
महूँ पाँव परँव तोर भुइँया,
जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया॥
सोहय बिन्दिया सही घाते डोंगरी, पहार
चन्दा सुरूज बने तोर नयना,
सोनहा धाने के संग, लुगरा के हरियर रंग
तोर बोली जइसे सुघर मइना।
अँचरा तोरे डोलावय पुरवइया।
रइगढ़ हाबय सुघर तोरे मँउरे मुकुट
सरगुजा (अऊ) बेलासपुर हे बहियाँ,
रइपुर कनिहा सही घाते सुग्घर फभय
दुरुग, बस्तर सोहय पयजनियाँ,
नाँदगाँवे नवा करधनियाँ
इस गीत का अंग्रेजी अनुवाद स्वयं डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा ने इस प्रकार किया था-
Arpa and Pairi, the streams
And the great Mahanadi flow,
Indravati washes your feet,
I salute thee, O my land,
My Mother Chhattisgarh
Hills and mountains are
A ‘bindiya’ on your forehead
The sun and the moon, your eyes
You are enriched with golden paddy
Your ‘sari’ is green
The wind flutters the full of your ‘sari’
I salute thee, O my land,
My Mother Chhattisgarh.
Raigarh your crown, ceremonious and beautiful,
Sarguja and Bilaspur are your hands
Raipur is your waist
Durg and Bastar are your feet
Rajnandgaon in your new belt
I salute thee, O my land,
My Mother Chhattisgarh.
गीत की रचना और ऐतिहासिक यात्रा
अरपा पैरी के धार गीत वर्ष 1973 में डॉ. वर्मा द्वारा लिखा गया था। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, यह गीत उनकी मूल हस्तलिपि में आज भी उनकी डायरी में सुरक्षित है। राज्य गीत के रूप में इसके प्रथम दो अंतरे चयनित किए गए हैं।

डॉ. वर्मा ने इस गीत की रचना, संगीत और गायन स्वयं किया था। इसकी धुन और प्रस्तुति से जुड़े रहे डा. बिहारीलाल साहू, सुरेश देशमुख और अन्य संगीत प्रेमी जिनका योगदान अविस्मरणीय है। यह गीत ‘सोनहा बिहान’ नामक नाटक का भी हिस्सा रहा है, जो डॉ. वर्मा के हिंदी उपन्यास “सुबह की तलाश” पर आधारित था।
प्रसिद्ध गायकों की आवाज़ में Chhattisgarhi lokgeet lyrics
इस छत्तीसगढ़ी गीत को कविता वासनिक, ममता चंद्राकर, लक्ष्मण मस्तुरिया, जयंती यादव, आरु साहू सहित कई प्रमुख लोकगायकों ने अपनी आवाज दी है। इन सभी कलाकारों ने इस गीत को सिर्फ लोकगीत न बनाकर, राज्य की आत्मा का गीत बना दिया है।
chhattisgarhi lokgeet lyrics की बात करें तो ‘अरपा पैरी के धार’ आज सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की पहचान है।
निष्कर्ष
‘अरपा पैरी के धार‘ आज सिर्फ एक गीत नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ की आत्मा का स्वर बन गया है। यह गीत ना केवल छत्तीसगढ़ के भौगोलिक सौंदर्य का वर्णन करता है, बल्कि भावनात्मक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जुड़ाव को भी दर्शाता है।
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