छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा कदम : आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए पुनर्वास और घर की व्यवस्था
छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल समस्या के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए पुनर्वास नीति का ऐलान किया है। इस नीति के तहत नक्सलियों को मुख्यधारा में शामिल करके उनके जीवन को नई दिशा दी जाएगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में इस नीति को राज्योत्सव के अवसर पर लॉन्च किया जाएगा। आइए, इस महत्वपूर्ण कदम और इसके विभिन्न पहलुओं पर नज़र डालते हैं।
नक्सल समस्या और आत्मसमर्पण : एक चुनौतीपूर्ण मुद्दा
छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में नक्सलवाद एक लंबे समय से बड़ी समस्या रही है। कई युवा हार्डकोर नक्सलियों के प्रभाव में आकर हिंसा का रास्ता अपनाते हैं, लेकिन आत्मसमर्पण कर वे अपनी ज़िंदगी को सुधारने का अवसर चाहते हैं। ऐसे युवाओं के लिए पुनर्वास नीति का महत्व और भी बढ़ जाता है।
पुनर्वास नीति : क्या है खास?
पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पित नक्सलियों को नए जीवन की शुरुआत का अवसर मिलेगा। सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इन आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए विशेष बजट का प्रावधान किया है, ताकि उन्हें मुख्यधारा में लौटने के बाद भी स्थिर जीवन जीने का मौका मिले।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को क्या-क्या मिलेगा?
- आवास की सुविधा : नक्सलियों के लिए आवास का प्रावधान होगा, ताकि वे और उनका परिवार एक स्थिर और सुरक्षित जीवन जी सके।
- स्वरोजगार के लिए लोन : आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाते हुए, उन्हें स्वरोजगार के लिए ब्याज मुक्त लोन भी प्रदान किया जाएगा।
- मासिक गुजारे के लिए अनुदान : आत्मसमर्पण करने के बाद सरकार उन्हें मासिक अनुदान देगी, जिससे वे अपनी दैनिक ज़रूरतों को पूरा कर सकें।
- प्रोत्साहन योजना : समर्पित किए गए हथियारों और गोला-बारूद के लिए भी प्रोत्साहन मिलेगा।
- पुनर्वास शिविर : पुनर्वास के लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा, जहां नक्सली अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए जरूरी ट्रेनिंग और जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
असम की तर्ज़ पर छत्तीसगढ़ की नीति
असम सहित पूर्वोत्तर राज्यों में नक्सलवाद और आतंकवाद के खिलाफ जिस तरह की पुनर्वास नीति को सफलता मिली है, उसी मॉडल को छत्तीसगढ़ में भी लागू किया जा रहा है। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने असम का दौरा करके वहां की नीतियों का अध्ययन किया और अब उसे छत्तीसगढ़ में लागू करने की तैयारी है।
विजय शर्मा का बयान
विजय शर्मा ने बताया कि असम की नीति का 80 प्रतिशत हिस्सा छत्तीसगढ़ में लागू किया जाएगा। आत्मसमर्पित नक्सलियों को सरकार की सभी योजनाओं का लाभ मिलेगा, जिसमें आवास और रोजगार की व्यवस्था भी शामिल होगी।
आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए आवास योजना
सरकार की प्राथमिकता आत्मसमर्पित नक्सलियों और उनके परिवारों के लिए आवास व्यवस्था करना है। यह योजना उन नक्सलियों को स्थायी जीवन देने का प्रयास है, जिन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है।
आत्मसमर्पण की बढ़ती संख्या
राज्य सरकार की लगातार कार्रवाई और पुनर्वास योजनाओं के कारण आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले नौ महीनों में 742 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि 194 नक्सली मुठभेड़ में मारे गए और 801 नक्सली गिरफ्तार हुए हैं।