रायपुर, 14 दिसंबर 2024।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का बहुप्रतीक्षित शीतकालीन सत्र आगामी 16 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है। सोमवार से शुरू होने वाले इस सत्र में कुल 814 प्रश्न लगाए गए हैं, जिनमें 420 तारांकित प्रश्न और 140 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, सत्र में चार विधेयकों को कानून का दर्जा दिए जाने की संभावना है और चार अशासकीय संकल्प भी पेश किए जाएंगे।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह का बयान
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि सदन की चर्चा में भाग लेना विपक्ष के लिए बेहद लाभकारी हो सकता है। संसद में गतिरोध से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा,
“चर्चा में भाग लेना विपक्ष के लिए अवसर है। यह सत्ता पक्ष से सवाल करने और अपनी बात रखने का सबसे प्रभावी माध्यम है।”
यह बयान सदन की कार्यवाही में विपक्ष की भूमिका को रेखांकित करता है और सभी दलों को सकारात्मक संवाद का संदेश देता है।
झीरम घाटी न्यायिक जांच रिपोर्ट पर चर्चा के आसार
शीतकालीन सत्र में जस्टिस प्रशांत मिश्रा की झीरम घाटी न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट सदन में पेश किए जाने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। यह रिपोर्ट, जो कि लगभग चार हजार पन्नों की बताई जाती है, भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल के दौरान तत्कालीन राज्यपाल अनुसूइया उईके को सौंपी गई थी।
हालांकि, भूपेश बघेल ने इस रिपोर्ट को अधूरा बताते हुए दो नए सदस्यों की नियुक्ति कर जांच जारी रखने के आदेश दिए थे। इस संदर्भ में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था, “सवाल ही नहीं उठता,” जब उनसे रिपोर्ट को सदन में पेश करने के बारे में पूछा गया।
प्रमुख बिंदु
- 814 प्रश्न: शीतकालीन सत्र में तारांकित और अतारांकित प्रश्नों की बड़ी संख्या।
- चार विधेयक: कानून बनने की प्रक्रिया के लिए तैयार।
- झीरम जांच रिपोर्ट: सत्र में पेश होने की संभावना, जो राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन सकती है।
- चर्चा का महत्व: अध्यक्ष ने सदन की चर्चा में विपक्ष की भागीदारी को महत्वपूर्ण बताया।
Also Read: साय सरकार के एक साल की उपलब्धियां: अजय चंद्राकर ने गिनाए बदलाव के प्रमुख बिंदु