छत्तीसगढ़

रायपुर में 30 अप्रैल को CM साय की बड़ी कैबिनेट बैठक, बीएड बर्खास्त शिक्षकों पर आ सकता है फैसला

रायपुर। CM Sai Cabinet meeting 30th April: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में बुधवार 30 अप्रैल 2025 को सुबह 11:30 बजे अटल नगर नवा रायपुर स्थित मंत्रालय (महानदी भवन) में कैबिनेट बैठक होगी। इस बैठक को लेकर बर्खास्त बीएड शिक्षकों की उम्मीदें बढ़ गई हैं, जो पिछले कई महीनों से सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं।

2897 बीएड शिक्षक हटे, सड़क पर उतरे

2897 B.Ed Teachers Update: छत्तीसगढ़ में 2897 ऐसे बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षक थे जिन्हें प्राइमरी स्कूलों में नौकरी मिली थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार को इन्हें बर्खास्त करना पड़ा। अब ये शिक्षक अपने परिवार समेत सड़क पर हैं और न्याय के लिए लगातार आवाज उठा रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश और सरकार की मजबूरी

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि प्राइमरी स्कूल में पढ़ाने के लिए बीएड नहीं बल्कि डीएलएड डिप्लोमा अनिवार्य है। छत्तीसगढ़ सरकार ने पहले हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी, लेकिन जब SLP (स्पेशल लीव पिटीशन) खारिज हो गई तो सरकार के पास इन शिक्षकों को हटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।

कानूनी पेंच में उलझे शिक्षक, अब सरकार का बदला रुख

इन शिक्षकों को जब नियुक्त किया गया था, तभी यह लिखा गया था कि नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अधीन रहेगी। इसलिए अब कोर्ट से कोई राहत नहीं मिल सकी। लेकिन शिक्षक मैदान में डटे रहे। प्रदर्शन, यात्रा, मुंडन, यज्ञ, धरना—सब किया। सरकार पर दबाव बढ़ा तो मुख्यमंत्री ने खुद दखल दिया।

कैबिनेट बैठक में हो सकता है बड़ा फैसला

CM Sai Cabinet meeting: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अफसरों को निर्देश दिया है कि बर्खास्त शिक्षकों के लिए जल्द से जल्द समाधान निकाला जाए। स्कूल शिक्षा विभाग ने इनकी पुनर्नियुक्ति को लेकर एक ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। चर्चा है कि इन शिक्षकों को लैब अटेंडेंट, लैब असिस्टेंट या सहायक विज्ञान शिक्षक के पद पर समायोजित किया जा सकता है।

आंदोलन की पूरी गाथा

बर्खास्त शिक्षकों का संघर्ष आसान नहीं रहा।

  • 14 दिसंबर: अंबिकापुर से रायपुर तक पदयात्रा शुरू की।
  • 19 दिसंबर: रायपुर में धरना शुरू किया।
  • 22 दिसंबर: धरना स्थल पर ब्लड डोनेशन कैंप लगाया।
  • 26 दिसंबर: सामूहिक मुंडन, महिलाओं ने भी बाल त्यागे।
  • 28 दिसंबर: यज्ञ-हवन कर मांगे रखीं, जल समाधि की चेतावनी।
  • 30 दिसंबर: अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर लेकर जल सत्याग्रह।
  • 1 जनवरी: बीजेपी कार्यालय का घेराव, गिरफ्तारी।
  • 3 जनवरी: सरकार ने हाई लेवल कमेटी बनाई।
  • 6 जनवरी: मतदान बहिष्कार की चेतावनी दी।
  • 10 जनवरी: एनसीटीई की शवयात्रा निकाली।
  • 17-18 जनवरी: मंत्रियों के बंगले का घेराव, चक्काजाम।
  • 20 जनवरी: आचार संहिता लागू होने से आंदोलन स्थगित।

इसके बाद भी आंदोलन नहीं थमा। शिक्षकों ने होली नहीं मनाई, खून से चिट्ठी लिखी, घुटनों के बल रेंगकर राष्ट्रपति से मिलने की कोशिश की, और पीएम मोदी के दौरे पर बिलासपुर में प्रदर्शन किया।

उम्मीद की किरण

अब सरकार पुनर्नियुक्ति की दिशा में आगे बढ़ रही है। शिक्षकों के आंदोलन, सामाजिक समर्थन और राजनीतिक दबाव के चलते माना जा रहा है कि 30 अप्रैल की कैबिनेट बैठक में (Relief announcement for B.Ed teachers) बर्खास्त बीएड शिक्षकों के लिए राहत भरी घोषणा हो सकती है।

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