नगरीय निकाय चुनाव को लेकर सीएम साय का बड़ा बयान, जानिए क्या कहा?
Chhattisgarh Urban Body Election 2025: नगरीय निकाय चुनाव को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति गर्म हो गई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि चुनाव में थोड़ी देरी जरूर हो सकती है, लेकिन यह टलने वाले नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव में देरी के कारण नगरीय निकायों में प्रशासक बैठाने की जरूरत पड़ी। जगदलपुर रवाना होने से पहले मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने जानकारी दी कि लोकार्पण और भूमिपूजन के कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इसमें 350 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्य शामिल हैं।
सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि बस्तर क्षेत्र के विकास के लिए सरकार पूरी तरह वचनबद्ध है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने एक साल के भीतर बस्तर में शांति स्थापित करने में सफलता पाई है। क्षेत्र के विकास के लिए विशेष “नेल्लानार योजना” चलाई जा रही है, और मांझी समाज से भी इस पर सलाह ली जाएगी।
विपक्ष का हमला
नगरीय निकायों में प्रशासकों की नियुक्ति को लेकर विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने इसे भाजपा का अलोकतांत्रिक चरित्र बताते हुए कहा कि समय पर चुनाव कराना सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव में देरी कर सरकार ने जानबूझकर प्रशासक नियुक्त किए हैं। शुक्ला ने कहा कि भाजपा चुनाव में जाने से डर रही है और इसलिए अध्यादेश लेकर आई थी। उन्होंने तुरंत चुनाव की घोषणा करने की मांग की।
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चुनाव की देरी पर अनिश्चितता
गौरतलब है कि सभी नगर निगम, नगरपालिका, और नगर पंचायतों के पांच साल का कार्यकाल 5 जनवरी तक पूरा हो जाएगा। पिछली बार ये चुनाव 2014 में 29 और 30 दिसंबर को हुए थे। इस बार नगरीय निकाय विभाग ने महापौर, नगरपालिक, और नगर पंचायत चेयरमैन समेत वार्ड पार्षद के पदों का आरक्षण भी पूरा कर लिया है। पहले नवंबर में चुनाव होने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन अब तक चुनाव की तारीख घोषित नहीं हुई है।
चुनाव की इस देरी ने सियासी माहौल को गरमा दिया है, और जनता भी अब चुनाव की तारीखों को लेकर सवाल उठा रही है।