Sushasan Tihar: बस्तर के घोर नक्सल प्रभावित इलाके में इमली पेड़ की छांव में लगी चौपाल: सीएम विष्णुदेव साय ने सुनी ग्रामीणों की बात

Sushasan Tihar: छत्तीसगढ़ में सुशासन तिहार अब महज सरकारी औपचारिकता नहीं, जमीनी जुड़ाव की मिसाल बनता जा रहा है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर अंचल के दूरस्थ गांव मुलेर में कुछ अलग ही अंदाज में चौपाल लगाई। खास बात ये रही कि चौपाल किसी सरकारी मंच या पंडाल में नहीं, गांव के इमली के पेड़ के नीचे आयोजित की गई थी।

महुआ-मोर मुकुट से हुआ स्वागत, ग्रामीणों ने दिखाया अपनापन

CM Sai Jan Chaupal: मुख्यमंत्री जब हेलीकॉप्टर से सीधे मुलेर गांव पहुंचे, तो वहां का नजारा बेहद आत्मीय और सांस्कृतिक रंगों से सराबोर था। गांववालों ने मुख्यमंत्री का महुआ, आमपत्ती और गौर मुकुट से पारंपरिक स्वागत किया। छिंद पत्तों से बने गुलदस्तों से अतिथियों का अभिनंदन हुआ। उनके साथ मुख्य सचिव अमिताभ जैन, डीजीपी अरुण देव गौतम और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह भी मौजूद रहे।

सीधा संवाद, सीधा फीडबैक

इमली के पेड़ के नीचे लगी इस अनोखी चौपाल में मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से सीधा संवाद किया। उन्होंने पूछा कि सरकारी योजनाएं सही लोगों तक पहुँच रही हैं या नहीं, और अगर कोई परेशानी है तो उसे बताएं। मौके पर ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाए।

आंगनबाड़ी और राशन केंद्रों का निरीक्षण

चौपाल के बाद मुख्यमंत्री ने गांव की आंगनबाड़ी का दौरा किया। बच्चों से मिलकर हालचाल पूछा, उन्हें चॉकलेट दी और यह भी देखा कि पोषण स्तर कैसा है। इसके अलावा राशन वितरण प्रणाली (PDS) की भी उन्होंने जांच की। ग्रामीणों से पूछा गया कि राशन समय पर मिल रहा है या नहीं, कोई गड़बड़ी तो नहीं हो रही।

“सुशासन तिहार केवल उत्सव नहीं, जिम्मेदारी है”

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन तिहार केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक ज़िम्मेदारी है, जिससे यह तय हो सके कि शासन की योजनाएं जमीनी स्तर तक पहुंच रही हैं या नहीं। उन्होंने माना कि अगर योजनाओं का लाभ वास्तविक जरूरतमंदों तक नहीं पहुंचा, तो वह योजना केवल कागज़ों तक सीमित रह जाती है।

अधिकारियों ने भी लिया फीडबैक

मुख्यमंत्री के साथ आए वरिष्ठ अधिकारियों ने भी ग्रामीणों की बातों को गंभीरता से सुना और भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों और सुझावों पर त्वरित और सकारात्मक कार्रवाई की जाएगी।

छत्तीसगढ़ में सुशासन का ये नया मॉडल — गांव-गांव में चौपाल, जनसंवाद और समाधान — शासन और जनता के बीच की दूरी पाटने की एक बेहतरीन कोशिश बनता जा रहा है।

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