रायपुर। विधानसभा के बजट सत्र का चौथा दिन धमतरी विधायक रंजना साहू ने सदन में नगर निगम धमतरी के बालक चौक में व्यावसायिक परिसर के निर्माण में लेटलतीफी और गड़बड़ी का आरोप लगाया। रंजना साहू का आरोप था कि विभाग से बिना तकनीकी और प्रशासकीय स्वीकृति मिले बगैर ही टेंडर जारी कर दिया। यही नहीं आधा-अधूरा निर्माण कार्य होने के बावजूद ठेकेदार की अमानत की राशि वापस कर दी गयी।
सवाल-जवाब के बीच तीखी नोंकझोंक का आलम ये रहा कि प्रश्नकाल में 5 सवाल भी पूरा नहीं हो सका। इस बीच धमतरी में कामर्शियल कांप्लेक्स निर्माण में गड़बड़ी को लेकर विपक्ष ने वाकआउट भी कर दिया। रंजना साहू ने इस दौरान एक सवाल के जवाब का दो-दो उत्तर दिये जाने और सूचना का अधिकारी व विधानसभा में दी जा रही जानकारी को अलग-अलग बताते हुए विभाग और अधिकारियों पर मंत्री को गुमराह करने का आरोप लगाया। रंजना साहू के सवाल के जवाब में शिव डहरिया ने कहा कि दो-दो बार परिसर निर्माण के लिए तकनीकी स्वीकृति इसलिए देनी पड़ी क्योंकि पहली बार में काम पूरा नहीं हुआ, तो दूसरी बार काम को शुरू कराया गया।
मंत्री शिव डहरिया ने सदन में जवाब देते हुए कहा कि एग्रीमेंट के मुताबिक व्यापारियों को निर्माण के लिए पैसा देना था। 3 करोड़ से ज्यादा का वर्क आर्डर था, लेकिन 5 लाख रुपये के आसपास जमा किया गया। वहीं ठेकेदार ने करीब 45 लाख रुपये से ज्यादा काम करा दिया था, पैसा नहीं मिलने की वजह से काम को रोक दिया गया। बाद में अब फिर से सरकार ने वहां काम शुरू कराया है।
इस जवाब के बाद रंजना साहू ने मंत्री पर गलत उत्तर देने का आरोप लगा, विधायक ने कहा कि जब ठेकेदार ने पूरा काम नहीं किया तो फिर उसकी जमा राशि क्यों वापस ठेकेदार को लौटायी गयी। इस मामले में रंजना साहू ने आरोप लगाया कि ठेकेदार और अधिकारियों को संरक्षण देने का काम मंत्री कर रहे हैं। मंत्री के जवाब पर बार-बार रंजना साहू ये कहती रही कि जवाब से वो संतुष्ट नहीं है। बाद में अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा ने भी रंजना साहू का साथ और फिर विपक्ष ने इस मामले में तीखी नोंक झोंक के बाद वाकआउट कर दिया।