बिजली संकट ने बढ़ाई किसानों की परेशानी, महासमुंद में ग्रामीणों ने किया कार्यपालन अभियंता कार्यालय का घेराव

महासमुंद: छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में बिजली संकट ने हालात को और गंभीर बना दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती, लो वोल्टेज और ट्रांसफार्मर खराबी की समस्याओं ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खासकर ग्राम नांदगांव के ग्रामीणों ने सोमवार को इस मुद्दे को लेकर कार्यपालन अभियंता कार्यालय का घेराव किया।
ग्रामीणों का आरोप: 4 दिन से जल रहा है ट्रांसफार्मर
ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले चार दिनों से ट्रांसफार्मर जल चुका है, जिसके कारण गांव में पानी की आपूर्ति पर असर पड़ा है और छात्रों की परीक्षाएं भी प्रभावित हो रही हैं। इसके बावजूद विद्युत विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। परेशान ग्रामीण और किसान आक्रोशित होकर कार्यपालन अभियंता कार्यालय के मुख्य गेट पर तीन घंटे तक धरने पर बैठे रहे। इस दौरान उन्होंने जमकर नारेबाजी भी की, जबकि अफसर दफ्तर से गायब हो गए थे।
आश्वासन के बाद शांत हुए ग्रामीण
इस बीच, सहायक कार्यपालन अभियंता बी.के. टंडन ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि 63 KV ट्रांसफार्मर भेजा जा रहा है और शाम तक पिथौरा से एक और 100KV ट्रांसफार्मर मंगाया जाएगा। इसके बाद ग्रामीण शांत हो गए और धरना समाप्त कर दिया।
बिजली संकट से परेशान किसान ने की आत्महत्या
बिजली संकट के चलते किसानों की हालत और खराब हो गई है। ग्राम सिघनपुर के किसान पूरन निषाद ने 11 मार्च को आत्महत्या कर ली। उनके बेटे ने बताया कि लगातार बिजली कटौती के कारण फसलें बर्बाद हो गईं, जिससे परेशान होकर किसान ने यह कदम उठाया।
कांग्रेस ने की जांच की मांग
इस घटना के बाद कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और खल्लारी विधायक द्वारिकाधीश यादव के नेतृत्व में एक जांच कमेटी गठित की। 13 मार्च को इस कमेटी ने मृतक किसान के परिजनों से मिलकर पूरी स्थिति का जायजा लिया और मामले की विस्तृत जानकारी ली।
बिजली संकट से किसानों और ग्रामीणों की बढ़ती मुश्किलें
महासमुंद जिले में बिजली संकट दिन-ब-दिन गहरा रहा है, और इसने ग्रामीणों की जिंदगी को कठिन बना दिया है। विद्युत विभाग की लापरवाही के कारण किसानों की स्थिति और भी खराब हो गई है, जो पहले ही खेतीबाड़ी के संकट से जूझ रहे हैं।
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