राम मंदिर निर्माण के लिए चंदे के हिसाब को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आमने-सामने
भाजपा के चुनाव प्रचार के सबसे प्रमुख मुद्दे अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि में मंदिर निर्माण को लेकर सियासी उठापटक अभी भी थमी नहीं है। एक ओर जहाँ भाजपा इसे लेकर लोगों से अपील करते हुए अभियान चला रही है कि जो भी व्यक्ति स्वेच्छा से जितना अनुदान देना चाहते हैं वह दें, वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियाँ इस पर तंज कस रही हैं और चंदे का हिसाब मांग रही है।
छत्तीसगढ़ में भी राम मंदिर के लिए मांगे जा रहे चंदे को लेकर राजनीतिक सरगर्मी साफ़ दिखाई दे रही है। एक तरफ लगातार पंद्रह वर्षों तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह लोगों से अपील कर मंदिर निर्माण के लिए चंदा एकत्रित कर रहें तो, वहीं वर्तमान के मुख्यमंत्री उनसे चंदे का हिसाब मांग रहे। जिसकी बहस सोशल मिडिया पर साफ़ दिखाई दे रहा है।
राम मंदिर निर्माण के लिए शुरू हुए चंदा अभियान को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए सवाल पूछा है कि राम मंदिर के लिए पहले जो चंदा एकत्रित हुआ है उसका हिसाब अभी तक क्यों नहीं दिया गया है। जिसका जवाब देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि कांग्रेस राम काज में विघ्न देने वाली पार्टी है। उन्होंने कहा कि रामकाज में विघ्न डालने का तो कांग्रेस का इतिहास रहा है। पहले पूछते थे प्रभु श्री राम का अस्तित्व है क्या? फिर पूछने लगे मंदिर की तारीख कब बताओगे? अब मंदिर निर्माण होने लगा तो पूछते हैं चंदे का हिसाब कब दोगे? याद रखना! सकल विघ्न व्यापहि नहिं तेही । राम सुकृपा बिलोकहिं जेही।
पूर्व मुख्यमंत्री के इस ट्विट के बाद कांग्रेस ने भी पलटवार किया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्विट कर लिखा है कि इतिहास और भूगोल सब बताएँगे डॉ. रमन सिंह जी । अभी हम किसान अधिकारों को लेकर एक ऑनलाइन अभियान में व्यस्त हैं। शाम को जवाब देंगे प्रमाणों सहित। तब तक chill करो।