
रायपुर। छत्तीसगढ़ में ICICI बैंक के गोल्ड लोन विभाग के खिलाफ एक बड़ी धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। रायपुर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में एक शिकायत पर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, रायपुर भारती कुलदीप के आदेशानुसार बैंक के खिलाफ आपराधिक मामले की प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह मामला रायपुर के देवेंद्र निवासी अंकित अग्रवाल की शिकायत पर दर्ज किया गया है, जिसमें आरोप है कि बैंक ने उनके सोने के गहनों की अवैध नीलामी की है।
क्या है पूरा मामला?
शिकायतकर्ता अंकित अग्रवाल के अनुसार, उन्होंने ICICI बैंक से गोल्ड लोन लिया था और इसके लिए अपनी माता, पत्नी और भाभी के सोने के जेवर गिरवी रखे थे। हालांकि, कोविड-19 महामारी के दौरान आर्थिक संकट के चलते वे कुछ समय तक लोन की किश्तों का भुगतान नहीं कर सके, लेकिन बाद में उन्होंने समय-समय पर ब्याज और मूलधन का भुगतान किया।
अंकित अग्रवाल का कहना है कि बैंक ने बिना किसी पूर्व सूचना के उनके सोने के गहनों की नीलामी कर दी। उनका आरोप है कि बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशा-निर्देशों की अनदेखी की और तय अवधि से पहले ही गहनों की नीलामी कर दी। इसके अलावा, शिकायतकर्ता का यह भी कहना है कि बैंक के द्वारा किए गए अनुबंध पर उनके हस्ताक्षर नहीं थे, बल्कि बैंक के किसी अधिकारी ने उनके नाम पर फर्जी हस्ताक्षर किए थे।
न्यायालय ने दिए जांच के आदेश
शिकायतकर्ता की याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने थाना सिविल लाइन, रायपुर को निर्देश दिया कि इस मामले में विधिवत अपराध पंजीबद्ध कर जांच की जाए और न्यायालय में अंतिम प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाए। न्यायालय के आदेश के बाद थाना सिविल लाइन में ICICI बैंक लिमिटेड के गोल्ड लोन विभाग और अन्य संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 409, 417, 418, 420, 465 और 192 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
यह मामला बैंकिंग सेक्टर में धोखाधड़ी के एक और गंभीर आरोप को उजागर करता है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि जांच में क्या निष्कर्ष सामने आते हैं।