कोटमसर गुफा खोलने के विरोध में सैकड़ों ग्रामीण, लगाया बड़ा आरोप
बस्तर के कांगेर वेली नेशनल पार्क में स्थित कोटमसर गुफा को पर्यटकों के लिए खोलने के दौरान भारी विरोध का सामना करना पड़ा। कोटमसर गांव के ग्रामीणों ने सुबह 5 बजे से पार्क के मुख्य द्वार पर धरना शुरू किया।
कोटमसर गुफा खोलने का विरोध क्यों?
ग्रामीणों का कहना है कि गुफा खोलने का निर्णय उनके रोजगार को नुकसान पहुँचा रहा है। पिछले सालों में, कोटमसर गुफा के लिए टिकट काउंटर गांव के भीतर बनाया गया था, जिससे गांववालों को रोजगार मिला। स्थानीय लोग पर्यटकों को आदिवासी व्यंजन परोसते थे और पारंपरिक नृत्य का प्रदर्शन करते थे, जिससे उनकी आमदनी बढ़ी थी।
लेकिन इस साल, 5 किलोमीटर पहले नेशनल हाईवे के पास नया टिकट काउंटर स्थापित कर दिया गया है, जिससे ग्रामीणों का रोजगार छिन गया है। यही कारण है कि गांव के लोग धरने पर बैठे हैं।
ग्रामीणों ने लगाया रोजगार छीनने का आरोप
ग्रामीणों का आरोप है कि कांगेर वेली नेशनल पार्क में अन्य पर्यटन स्थलों के लिए जो नियम बनाए गए हैं, वे कोटमसर गुफा के लिए अलग हैं। गांववालों ने DFO कांगेर वेली और CCF बस्तर रेंज से भी आवेदन किया, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ।
ग्रामीणों ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक गुफा बंद रहेगी और उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
पर्यटकों का निराशा
गुफा देखने पहुंचे रायपुर के पर्यटक शेख अफसर ने बताया कि उन्होंने ऑनलाइन टिकट बुक किया था, लेकिन गुफा नहीं देख पाए। उन्होंने कहा, “हम ऑनलाइन टिकट की राशि वापस पाने के लिए आवेदन करेंगे। हम यहाँ सात लोग आए थे।”
जबलपुर से आए एक अन्य पर्यटक ने बताया, “हमने सुना था कि कोटमसर गुफा बहुत बड़ी और प्राचीन है। लेकिन प्रशासन और ग्रामीणों के बीच विवाद के कारण हम इसे नहीं देख पाए। प्रशासन को चाहिए कि सभी को जानकारी दे कि गुफा कब खुलेगी, वरना पर्यटक निराश होकर लौटेंगे। इससे पर्यटन विभाग और प्रशासन दोनों की बदनामी होगी।”
निष्कर्ष
कोटमसर गुफा के उद्घाटन को लेकर ग्रामीणों का विरोध उनके अधिकारों और आजीविका से जुड़ा हुआ है। जब तक उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जाता, तब तक यह विवाद जारी रह सकता है।