कुरुद विधानसभा की इस शिक्षिका के क्लास में अंग्रेजी विषय में 10 साल से कोई फेल नहीं हुआ, मिला राज्यपाल के हाथों पुरस्कार

कुरुद। International Womens Day: एक शिक्षक का पद संसार में सबसे ऊपर रखा गया है, क्योंकि शिक्षक ही है जो जीवन के अंधेरे को प्रकाश में बदलकर हमें सही रास्ता दिखाता है। वह न केवल ज्ञान प्रदान करता है, बल्कि हमें संघर्षों से जूझने और अपने सपनों को साकार करने की प्रेरणा भी देता है। शिक्षक अपने संस्कारों और शिक्षाओं के माध्यम से एक मजबूत समाज की नींव रखता है, और हर विद्यार्थी में अपनी पूरी क्षमता पहचानने की ताकत पैदा करता है।
ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा का रोशन सितारा
International Womens Day: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर हम आपको मिलवाते हैं एक ऐसी महिला से, जिन्होंने अपने नवाचार से शिक्षा के क्षेत्र में न केवल उल्लेखनीय योगदान दिया है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को एक नई दिशा दी है। हम बात कर रहे हैं शासकीय उमावि मरौद की अंग्रेजी विषय की व्याख्याता ज्योति मगर की, जिन्होंने 10 साल से अपने क्लास में अंग्रेजी में कभी किसी छात्र को फेल नहीं होने दिया।
ग्रामीण स्कूलों में शिक्षा का नया रूप
International Womens Day: सभी जानते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी जैसे विषय को लेकर अक्सर छात्रों में झिझक रहती है। लेकिन शासकीय स्कूल मरौद में एक ऐसा उदाहरण पेश किया गया है, जहां 9वीं से लेकर 12वीं तक के छात्रों ने अंग्रेजी में सफलता पाई है। यह संभव हुआ है, व्याख्याता ज्योति मगर के नवाचार के कारण। उन्होंने अंग्रेजी पढ़ाने के तरीके में नई पहल की और छात्रों को बिना किसी डर या झिझक के इस विषय को सहजता से समझने और सीखने में मदद की।
नवाचार से मिली सफलता
ज्योति मगर ने सिर्फ क्लासरूम में पढ़ाई तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षा, समूह शिक्षा, और स्पोकन इंग्लिश जैसे नवाचार भी शुरू किए, जिनसे छात्रों की समझ में उल्लेखनीय सुधार आया। उनका मानना है कि सिर्फ सिलेबस को पढ़ाने से काम नहीं चलता, छात्रों को मानसिक रूप से इस विषय से जोड़ने की जरूरत है। यही कारण है कि उनके छात्रों में न केवल इंग्लिश में रुचि बढ़ी, बल्कि परिणाम भी शानदार रहे।
पुरस्कार और सम्मान की प्राप्ति
ज्योति मगर की शिक्षा के प्रति समर्पण और नवाचार को सराहा गया है। 2009 से शिक्षा क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रही ज्योति को 2014 से 2024 तक दिल्ली में इंस्पायर मानक अवार्ड जैसी विभिन्न पुरस्कारों से नवाजा गया है। इसके अलावा, उन्हें राज्यपाल से भी कई सम्मान मिले हैं, जिनमें 2024 में शिक्षक दिवस के अवसर पर ‘शिक्षा श्री’ सम्मान भी शामिल है। मुख्यमंत्री द्वारा ‘मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण’ से सम्मानित होने के साथ-साथ उन्होंने समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने में भी अहम भूमिका निभाई है।
समाज को नई दिशा देती शिक्षिका
International Womens Day: ज्योति ने बच्चों को तीन ग्रुप्स में बांटकर उनके कमजोर पक्ष पर काम करना शुरू किया, ताकि उन्हें एक अलग तरीके से तैयार किया जा सके। बच्चों को मानसिक रूप से तैयार करने के लिए उन्होंने ‘स्पोकन इंग्लिश’ के माध्यम से उन्हें आत्मविश्वास और अंग्रेजी सीखने के प्रति रुचि जागृत की। इसके अलावा, बच्चों को सांस्कृतिक गतिविधियों से भी जोड़ा, ताकि उनका समग्र विकास हो सके।
नारी सशक्तिकरण की मिसाल
ज्योति मगर केवल एक शिक्षिका नहीं हैं, बल्कि एक प्रेरणा हैं। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि अगर नारी अपने क्षेत्र में नवाचार और मेहनत के साथ कदम रखे, तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। वे न केवल छात्रों के शैक्षिक जीवन को बल्कि समाज की सोच को भी बदल रही हैं।
आगे का रास्ता
उनके नवाचार से प्रेरित होकर, कई अन्य शिक्षकों ने भी बच्चों के शैक्षिक और मानसिक विकास के लिए नए तरीके अपनाए हैं। ज्योति मगर का यह कार्य निश्चित ही छत्तीसगढ़ के शिक्षा क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा।
ज्योति मगर: एक प्रेरणा
आज के महिला दिवस पर, हमें ऐसे शिक्षकों की आवश्यकता है, जो न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाएं, बल्कि बच्चों के जीवन को भी बेहतर बनाने के लिए काम करें। ज्योति मगर जैसी महिलाएं न केवल शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार कर रही हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव भी ला रही हैं।