रेलवे से नाराज़ किसान उतरे आंदोलन की राह पर, आज से कांकेर में अनिश्चितकालीन धरना और रेल रोको आंदोलन

कांकेर: दल्लीराजहारा-रावघाट रेल परियोजना से प्रभावित किसानों का सब्र अब जवाब दे चुका है। तीन साल से नौकरी का इंतजार कर रहे इन किसानों ने अब आज से अनिश्चितकालीन प्रदर्शन और रेल रोको आंदोलन शुरू करने का ऐलान कर दिया है। यह आंदोलन अंतागढ़ रेलवे स्टेशन के पास होगा, जहां भानुप्रतापपुर और अंतागढ़ क्षेत्र के सैकड़ों प्रभावित किसान शामिल होंगे।

नौकरी का वादा अधूरा, किसानों में उबाल

रेल परियोजना से अपनी ज़मीन गंवाने वाले किसानों का आरोप है कि वर्षों पहले रोजगार देने का वादा किया गया था, लेकिन आज तक लगभग 100 प्रभावित परिवारों को कोई नौकरी नहीं मिली है। किसान प्रतिनिधि शेखर यदु, सहंगू कांगे और संकेर कचलाम ने बताया कि बार-बार मांग और निवेदन के बावजूद प्रशासन और रेलवे विभाग ने उनकी सुध नहीं ली, जिससे अब वे मजबूरन रेल लाइन पर उतर कर अपनी बात रखने जा रहे हैं।

19 मई से नहीं रुकेगा आंदोलन, नौकरी मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा

किसानों का कहना है कि यह आंदोलन सिर्फ एक दिन का नहीं, अनिश्चितकालीन होगा। जब तक उन्हें न्याय और नौकरी नहीं मिलती, तब तक वे रेलवे ट्रैक नहीं छोड़ेंगे। किसानों ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि जल्द हल नहीं निकाला गया, तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।

प्रशासन की चुप्पी पर सवाल

रेलवे परियोजना से प्रभावित इतने बड़े वर्ग की समस्याओं के बावजूद प्रशासन और जिम्मेदार विभागों की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है। स्थानीय लोगों का कहना है कि विकास के नाम पर उनकी जमीन तो ली गई, लेकिन विकास का लाभ सिर्फ कागजों तक सीमित रह गया।

कांकेर जिले के अंतागढ़ में शुरू होने वाला यह आंदोलन सिर्फ नौकरी की मांग नहीं, बल्कि सिस्टम से जवाबदेही की मांग है। किसानों की पीड़ा, बेरोजगारी और सरकार की वादाखिलाफी ने एक बार फिर दिखा दिया कि जब इंसाफ नहीं मिलता, तो लोग सड़क और पटरी पर उतरने को मजबूर हो जाते हैं।

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Ravi Pratap Pandey

रवि पिछले 7 वर्षों से छत्तीसगढ़ में सक्रिय पत्रकार हैं। उन्होंने राज्य के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर गहराई से रिपोर्टिंग की है। जमीनी हकीकत को उजागर करने और आम जनता की आवाज़ को मंच देने के लिए वे लगातार लेखन और रिपोर्टिंग करते रहे हैं।

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