छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में पहली बार चला स्वदेशी WAG 12 इंजन, रेलवे के माल परिवहन में नई क्रांति

भानुप्रतापपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने छत्तीसगढ़ में पहली बार भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली स्वदेशी इंजन WAG 12 को भानुप्रतापपुर में लांच किया है। यह इंजन रेलवे के माल परिवहन को एक नई दिशा देने में सक्षम होगा, खासकर लौह अयस्क की ढुलाई में। इस इंजन के जरिए रेलवे कम समय में अधिक माल का परिवहन कर पाएगा, जिससे भिलाई स्टील प्लांट को ज्यादा लौह अयस्क की आपूर्ति संभव हो सकेगी।

भारत का सबसे शक्तिशाली इंजन WAG 12

रेलवे के विद्युतीकरण के शताब्दी वर्ष के मौके पर इस इंजन को भानुप्रतापपुर-अंतागढ़ रेल खंड पर पहली बार चलाया गया। इस मौके पर रायपुर रेल मंडल के ADRM बजरंग अग्रवाल ने बताया कि WAG 12 इंजन पूरी तरह से स्वदेशी है और यह दुनिया का सबसे ताकतवर थ्री फेस से चलने वाला ट्विन सेक्शन इंजन है। इसकी क्षमता 6000 मीट्रिक टन तक भार खींचने की है, जो इसे अन्य इंजनों से कहीं ज्यादा शक्तिशाली बनाता है।

कम समय में ज्यादा ढुलाई

इस इंजन के इस्तेमाल से खासकर रावघाट से भिलाई स्टील प्लांट तक ले जाए जाने वाले लोह अयस्क की ढुलाई में तेजी आएगी। एक बार में ज्यादा माल ढोने की क्षमता के कारण समय और ऊर्जा की बचत होगी, और भिलाई स्टील प्लांट को कम समय में अधिक लौह अयस्क प्राप्त होगा। इससे न केवल रेलवे का संचालन बेहतर होगा, बल्कि उद्योगों की उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि होगी।

WAG 12 इंजन के लांच होने से यह स्पष्ट होता है कि रेलवे के माल परिवहन में अब तकनीकी और स्वदेशी उत्पादों की ताकत का सही इस्तेमाल किया जा रहा है।

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