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CG BREAKING : छत्तीसगढ़ विधानसभा में जल जीवन मिशन की गड़बड़ियों पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने साधा निशाना

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र का पहला दिन जल जीवन मिशन में अनियमितताओं के मुद्दे पर गरमा गया। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने इस योजना में गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि धमतरी जिले के कई गांवों में नल कनेक्शन उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।

भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी बहस

जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार के आरोपों पर PHE मंत्री अरुण साव ने जवाब दिया कि कोविड-19 के कारण योजना में देरी हुई है। उन्होंने बताया कि अब तक 39 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन दिए गए हैं। हालांकि, अजय चंद्राकर ने उनके जवाब पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत सरकार की वेबसाइट और राज्य सरकार के आंकड़ों में स्पष्ट अंतर है।

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क्या हैं मुख्य आरोप?

  • बिना जल स्रोत टंकियों का निर्माण: चंद्राकर ने सवाल किया कि कितने गांवों में जल स्रोत तैयार किए बिना टंकियां और पाइपलाइन बिछाई गई हैं।
  • भ्रष्टाचार के आरोप: उन्होंने दावा किया कि योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है और इसके लिए जिम्मेदार ठेकेदारों पर कार्रवाई की मांग की।
  • सरकारी गाइडलाइंस का उल्लंघन: चंद्राकर ने भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन न किए जाने का आरोप लगाया।

मंत्री का जवाब: ठेकेदारों पर हुई कार्रवाई

अरुण साव ने कहा कि योजना को पटरी पर लाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।

  • 72 ठेकेदारों पर कार्रवाई की गई है।
  • 9,234 मीटर पाइपलाइन बदली गई है।
  • जल स्रोत और ढांचे का निर्माण नियमों के अनुसार किया जा रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि पिछली सरकार की वजह से योजना में 2 साल की देरी हुई थी।

विधायक धरमजीत सिंह का आरोप: गलियां और सड़कें बर्बाद

चर्चा में भाग लेते हुए विधायक धरमजीत सिंह ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत गांवों की गलियां और सड़कें खोद दी गई हैं, लेकिन ठेकेदार निर्माण कार्य पूरा नहीं कर रहे। इस पर अरुण साव ने आश्वासन दिया कि अगर ठेकेदार काम पूरा नहीं करेंगे, तो विभाग खुद सड़कों का निर्माण करेगा।

असंतोष के सुर

मंत्री के जवाब से असंतुष्ट अजय चंद्राकर ने कहा कि उत्तर में कोई ठोस कमिटमेंट नज़र नहीं आया। उन्होंने पूछा कि प्राथमिकता जल स्रोत तैयार करने की होनी चाहिए या टंकी और पाइपलाइन बिछाने की। इस पर अरुण साव ने कहा कि सरकार ने योजना में सुधार किया है और दिसंबर 2024 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है।

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