कांग्रेस विधायक कवासी लखमा पर ED का छापा: शराब घोटाले में 2,100 करोड़ का मनी लॉन्ड्रिंग मामला
शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ के कांग्रेस विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Focus Keyword) के ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई राज्य में कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत की गई।
7 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी
सूत्रों के अनुसार, ED ने कुल सात ठिकानों पर छापेमारी की। इसमें रायपुर स्थित कवासी लखमा का आवास, सुकमा जिले में उनके बेटे हरीश लखमा का आवास और कुछ अन्य व्यक्तियों से जुड़े ठिकाने शामिल हैं। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की गई।
ED का आरोप: हर महीने 2 करोड़ रुपये मिले
ED के अनुसार, जांच में कुछ “मुख्य आरोपियों” ने दावा किया है कि कवासी लखमा को 2020-2022 के बीच हर महीने लगभग 2 करोड़ रुपये दिए गए, जब वे आबकारी मंत्री थे।
शराब घोटाले में 2,100 करोड़ रुपये का नुकसान
एजेंसी का कहना है कि 2019-2022 के बीच, कांग्रेस सरकार के तहत कथित शराब घोटाला हुआ, जिससे राज्य को भारी आर्थिक नुकसान हुआ। ED ने पहले दावा किया था कि इस घोटाले के जरिए शराब सिंडिकेट को 2,100 करोड़ रुपये की अवैध कमाई हुई।
कांग्रेस ने BJP पर लगाया साजिश का आरोप
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कम्युनिकेशन विंग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने इस कार्रवाई को बीजेपी की साजिश बताया। उन्होंने कहा कि शहरी निकाय और पंचायत चुनावों से पहले कांग्रेस नेताओं को परेशान करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
कवासी लखमा का राजनीतिक सफर
71 वर्षीय कवासी लखमा छत्तीसगढ़ के कोन्टा विधानसभा सीट से छह बार विधायक चुने गए हैं। वे पिछली कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री के पद पर रहे। उनके बेटे हरीश लखमा सुकमा जिले में पंचायत अध्यक्ष हैं।
राजनीतिक तूफान का संकेत
शराब घोटाले की यह जांच और छापेमारी राज्य में आगामी चुनावों से पहले राजनीतिक हलचल बढ़ा सकती है। कांग्रेस और बीजेपी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है।
क्या यह ED की निष्पक्ष जांच है या राजनीतिक साजिश?
छत्तीसगढ़ की जनता अब इस पर अपनी नजर बनाए हुए है।
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