Kurud Mela 2025: चैत्र नवरात्रि में छत्तीसगढ़ महतारी मंदिर कुरूद में सजा भव्य मेला, सोमवार तक जारी रहेगा उत्सव

कुरूद: Kurud Mela 2025: चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर हर साल आयोजित होने वाला छत्तीसगढ़ महतारी मंदिर कुरूद का मेला इस बार भी पूरी धूमधाम के साथ सज चुका है। जैसे-जैसे नवरात्रि का पर्व अपने चरम पर पहुंचता है, इस मेले में जुटने वाले भक्तों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। हर साल यह मेला नए-नए रूपों में सामने आता है और अपनी अनूठी पहचान बना चुका है। इस बार भी मेले की रौनक देखते ही बन रही है।

मेला और उसकी रौनक

कुरूद नगर के छत्तीसगढ़ महतारी मंदिर परिसर में आयोजित इस मेले का माहौल हर साल की तरह रंग-बिरंगे उजाले से सजा हुआ है। मेला प्रारंभ होते ही भक्तों और पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ने लगी थी। मेला परिसर में सजे आकर्षक झूले, दुकानों पर बिकने वाले सामान और मीना बाजार की रौनक लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रही है। झूले, मौत का कुआं, टाइटैनिक, रेंजर झूला, सुपर ड्रैगन, और कई अन्य अद्भुत आकर्षण इस मेले को खास बना रहे हैं।

इस बार मेले में ऑक्टोपस झूला, हवाई झूला, भूत बंगला, मिक्की माउस, और अन्य रोमांचक झूलों का लुत्फ उठाने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं। इसके अलावा, मीना बाजार में सुसज्जित दुकानों का भी जबरदस्त आकर्षण है, जहां लोग विभिन्न प्रकार के सामान खरीदने के लिए पहुंच रहे हैं। विशेष रूप से, इस बार की सजावट और भव्यता ने मेले को और भी आकर्षक बना दिया है।

बेहद रोचक झूलों का आनंद

झूलों के शौकिनों के लिए यह मेला किसी सपने से कम नहीं। ऑक्टोपस झूला, हवाई झूला, और मटर-फटर जैसे रोमांचक झूलों के अलावा, मौत का कुआं और सुपर ड्रैगन जैसे भयावह आकर्षण लोगों के दिलों को धड़काने के लिए तैयार हैं। इन झूलों में बैठकर मेला देखने पहुंचे लोग मस्ती में डूबे हुए हैं। यही नहीं, बच्चों के लिए भी ढेर सारी आकर्षक चीजें हैं जैसे मिक्की माउस और ट्रेन सालंबो झूला, जो उन्हें बेशक खुशी से भर दे रहे हैं।

बारिश का असर, फिर भी उत्साह में कमी नहीं

हालांकि, इस साल के मेले में बिन मौसम बारिश ने कुछ दुकानदारी और झूलों के कारोबार में खलल डाल दिया है। बारिश के कारण कई दुकानदारों की उम्मीदें चुराई गईं, जिनके द्वारा मेले में आए लोगों को अपने सामान बेचने की उम्मीद थी। खासकर, खोमचा वाले, चाट-पकौड़े, चनाचूर और खिलौनों की दुकानों पर कम भीड़ देखी गई। झूलों में भी पहले जैसी हलचल नहीं दिखी, क्योंकि कई लोग बारिश के कारण झूलों पर बैठने से बच रहे थे। लेकिन इसके बावजूद मेले का उत्साह कम नहीं हुआ और लोग लगातार आते रहे।

सोमवार तक जारी रहेगा मेला

मेला इंचार्ज सिन्हा जी के अनुसार, इस मेले का आयोजन सोमवार तक जारी रहेगा। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक इस मेले का आनंद लेने के लिए कुरूद पहुंचेंगे। मेले के आयोजक आशा करते हैं कि अगले कुछ दिनों में मौसम सुधरने के बाद मेले में और भी भीड़-भाड़ देखने को मिलेगी।

खास बात

31 साल से लगातार आयोजित हो रहे इस मेले ने अब छत्तीसगढ़ के पूरे प्रदेश में अपनी एक विशेष पहचान बना ली है। यह मेला हर साल भक्तों और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस बार भी मेले में हर प्रकार का मनोरंजन और धार्मिक उल्लास देखने को मिल रहा है।

इस मेले की विविधता और रंग-रूप ने इसे न केवल एक धार्मिक उत्सव बना दिया है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक बन गया है। यदि आप भी इस नवरात्रि के दौरान मेले का हिस्सा बनने का सोच रहे हैं, तो अभी समय है, इस शानदार आयोजन का हिस्सा बनें और खुशी के इस अवसर का आनंद लें।

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Ravi Pratap Pandey

रवि पिछले 7 वर्षों से छत्तीसगढ़ में सक्रिय पत्रकार हैं। उन्होंने राज्य के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर गहराई से रिपोर्टिंग की है। जमीनी हकीकत को उजागर करने और आम जनता की आवाज़ को मंच देने के लिए वे लगातार लेखन और रिपोर्टिंग करते रहे हैं।

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