छत्तीसगढ़

कुरूद में पंडित प्रदीप मिश्रा जी की श्री गौरीशंकर शिव महापुराण कथा 16 मई से

कुरूद: अंतरराष्ट्रीय कथा प्रवक्ता, भगवत भूषण, शिवभक्त प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले जी के श्रीमुख से श्री गौरीशंकर शिव महापुराण कथा का भव्य आयोजन वृद्धि विहार भरदा चौक राजिम रोड में होने जा रहा है, जिसके कथावाचक पंडित मिश्रा जी 15 मई को कुरूद पहुंच रहे है। इनके स्वागत की तैयारी में कुरूद विधायक अजय चंद्राकर जी प्रकाश शर्मा, भूपेंद्र चंद्राकर समेत आयोजक मंडल जुटे हैं।पंडित प्रदीप मिश्रा जी की कुरूद में 16 से 22 मई तक श्री गौरीशंकर शिव महापुराण ज्ञान यज्ञ कथा का आयोजन किया है।

दोपहर 2 से 5 बजे तक

15 मई को दोपहर 3 बजे कथावाचक श्री मिश्रा जी सांधा चौक कुरूद पहुंचेंगे। इस अवसर पर कुरूद नगर के समस्तजनों द्वारा सांधा चौक, संजय नगर, कारगिल चौक, सरोजिनी चौक, पुराना बाजार चौक, थाना रोड, चंडी मंदिर तक उनका भव्य स्वागत किया जाएगा। उसके बाद मां चंडी मंदिर के दर्शन और जलेश्वर महादेव मंदिर में जल चढ़ायेंगे। अगले दिन से वृद्धि विहार भरदा चौक राजिम रोड कुरुद में दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक शिव कथा होगी। कार्यक्रम के संरक्षक कुरूद विधायक श्री अजय चंद्राकर जी ने शिवभक्तों, धर्मप्रेमियों से कथा का लाभ लेने का आग्रह किया है।इस धार्मिक आयोजन में लाखों की संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचेंगे। कथा के दौरान की सभी व्यवस्था बनाने आयोजन समिति की तैयारी जोरो पर है। जिसमें कथा स्थल पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुव्यवस्था और अन्य सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी शिवमहापुराण कथा के लिए 3 हजार स्क्वेयर फीट का मंच तैयार हो रहा हैं। इसके लिए विशेष साज-सज्जा एवं पूरे कथा स्थल पर डोम को आकर्षक बनाने नागपुर की फर्म के कारीगर काम कर रहे हैं। यह डोम 3 लाख स्क्वेयर फीट का होगा। इस आयोजन में विभिन्न समाज के प्रमुख, संघ व संगठनों के पदाधिकारी, व्यापारी, युवा और नगरवासी भी जुटे हुए हैं। नगर के जनप्रतिनिधि और नगरवासियों ने भीषण गर्मी में हो रहे आयोजन में पेयजल की व्यवस्था पर विशेष ध्यान रखने पर जोर दिया है। इसके लिए पानी पाउच, बॉटल व टैंकर के माध्यम से श्रद्धालुओं को शीतल जल पिलाने की व्यवस्था कराई जाएगी। साथ ही यहां आने वाले बड़ी संख्या में श्रद्धालु रुकते हैं, जिनके भोजन व स्वल्पाहार की व्यवस्था की हैं इसमें रोजाना 25 हजार लोगों के भोजन व्यवस्था विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा किए जाना है। स्नान के लिए नजदीकी तालाब सहित अन्य वैकल्पिक व्यवस्था और शौच के लिए उचित जगह व शौचालय निर्माण, सफाई व्यवस्था की तैयारियों में जुटे हैं।

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