Chhattisgarh: महतारी वंदन योजना में लापरवाही, 1000 की जगह महिलाओं को मिल रहे 500 रुपये, पढ़ें खास रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ की महतारी वंदन योजना एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार वजह कुछ चिंताजनक है। योजना का लाभ उठाने वाली महिलाओं को वादे के मुताबिक 1000 रुपये मिलने की बजाय महज 500 रुपये दिए जा रहे हैं। हाल के मामलों ने सरकार और प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सरगुजा का मामला: हितग्राही को मिल रहे आधे पैसे
सरगुजा की हेमा कंसारी, जिनकी उम्र 40-45 वर्ष के बीच है, को योजना के तहत सिर्फ 500 रुपये दिए जा रहे हैं। विभाग का कहना है कि उन्हें वृद्धा पेंशन दी जा रही है, जबकि यह पेंशन 60 वर्ष की उम्र के बाद दी जाती है। सवाल उठता है कि आखिर हेमा को योजना का पूरा लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा? उन्होंने कई बार अपनी शिकायत अधिकारियों तक पहुंचाई, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई।
बस्तर का चौंकाने वाला मामला: सनी लियोनी के नाम पर फर्जी खाता
इससे पहले बस्तर से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया था, जहां किसी ने सनी लियोनी के नाम से फर्जी खाता बनाकर योजना का लाभ उठाया। मजेदार बात यह है कि पति के नाम के तौर पर “जॉनी सिंस” लिखा गया था। इस फर्जीवाड़े ने पूरे देश में छत्तीसगढ़ सरकार की किरकिरी कर दी।
मंत्री के संभाग में लापरवाही क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री के क्षेत्र में हुए इन मामलों ने विभाग के अधिकारियों की लापरवाही उजागर कर दी है। एडिशनल कलेक्टर ने बताया कि मामले की जानकारी उन्हें हाल ही में मिली है और वे जल्द ही इसे सुलझाने का वादा कर रहे हैं।
सरकार के लिए सीख
ये घटनाएं न सिर्फ सरकार की नीतियों की खामियां उजागर करती हैं, बल्कि जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाती हैं। योजनाओं का सही क्रियान्वयन सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है ताकि जरूरतमंदों को उनका हक मिल सके।
क्या हो सकता है समाधान?
- सख्त निगरानी: योजनाओं के क्रियान्वयन पर कड़ी निगरानी रखी जाए।
- शिकायत निवारण तंत्र: शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित हो।
- फर्जीवाड़ा रोकने के उपाय: लाभार्थियों का डेटा वेरिफिकेशन मजबूत किया जाए।
सरकार के लिए यह समय है अपनी योजनाओं को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाकर जनता का विश्वास बनाए रखने का।
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